गिद्दी (हजारीबाग) : अरगडा कोयला क्षेत्र ने खर्च में कटौती करके विषम परिस्थितियों में वित्तीय वर्ष 2015-16 में निर्धारित लक्ष्य से अधिक कोयले व ओबी का उत्पादन किया है. पिछले वर्ष की तुलना में इस वित्तीय वर्ष में कोयले का उत्पादन ग्रोथ चार प्रतिशत तथा ओबी उत्पादन का ग्रोथ 12 प्रतिशत रहा. क्षेत्र में कोयले की ढुलाई व वजन घर को पारदर्शी बनाने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जायेगा. कई जगहों पर सीसीटीवी लगाया जायेगा और कोयला उत्पादन की जानकारी ऑनलाइन ली जायेगी.
अरगडा, हेसालौंग, असनागढ़ा व रिकवा-चानो में नयी खदान खोलने के लिए सीसीएल प्रबंधन की प्रक्रिया चल रही है. अरगडा में जल्द ही नयी खुली खदान खुलने वाली है. नयी खदान खुलने से क्षेत्र का भविष्य उज्जवल रहेगा.
अरगडा महाप्रबंधक एके सिंह ने कहा कि सीसीएल प्रबंधन ने अरगडा क्षेत्र को 13 लाख 90 हजार मीट्रिक टन कोयला तथा 49 लाख क्यूविक मीटर ओबी उत्पादन का लक्ष्य दिया था. इसके तहत क्षेत्र ने 13 लाख 94 हजार 565 मीट्रिक टन कोयला तथा 55 लाख 49 हजार 222 क्यूविक मीटर ओबी उत्पादन किया है. उन्होंने बताया कि क्षेत्र ने 15 लाख 88 हजार 781 मीट्रिक टन कोयले का डिस्पैच रैक व ट्रांसपोर्टिंग के माध्यम से किया है.
अरगडा क्षेत्र की अधिकांश परियोजनाओं में कोयले का उत्पादन विकट परिस्थितियों में किया जा रहा है. इसके वाबजूद गिद्दी व गिद्दी सी परियोजना ने लक्ष्य से कहीं अधिक कोयले का उत्पादन किया है. गिद्दी परियोजना ने लगभग 54 करोड़ का लाभ कमाया है. रैलीगढ़ा, सिरका परियोजनाएं उत्पादन लक्ष्य से पिछड़ गयी. मार्च माह में रैलीगढ़ा परियोजना ने लगभग 60 हजार मीट्रिक टन कोयले का उत्पादन किया है.
परियोजना का यह एक रिकार्ड है. उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि रैलीगढ़ा, गिद्दी, गिद्दी सी व सिरका परियोजना में विभागीय के अलावा आउट सोर्सिंग से कोयला उत्पादन कराने की योजना बनायी जा रही है. आउट सोर्सिंग से कोयले का उत्पादन होगा, तो निश्चित रूप से क्षेत्र में कोयले का उत्पादन बढ़ेगा. अरगडा महाप्रबंधक एके सिंह ने कहा कि गिद्दी वाशरी परियोजना ने पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष क्लीन कोल का उत्पादन व डिस्पैच अधिक किया है.
इसके वाबजूद परियोजना को 29 करोड़ का नुकसान हुआ है. गिद्दी वाशरी परियोजना कई संकटों से गुजर रहा है. इसकी बेहतरी के लिए सीसीएल कंपनी प्रयास कर रही है. गिद्दी पांच नंबर ट्रैक पर लोडिंग प्वाइंट बनाने की योजना बना ली गयी है. इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. अरगडा क्षेत्र में मजदूर सेवानिवृत्त हो रहे हैं.
मैन पावर की कमी की भरपाई करने के लिए कंपनी कई पहलुओं पर सोच बना रही है. सतकड़िया बस्ती के 11 रैयतों को नौकरी दी गयी है. उन्होंने कहा कि गिद्दी सी में कोयले की गुणवत्ता अच्छी नहीं है. बाजार नहीं मिलने के कारण इसका प्रतिकूल असर डिस्पैच पर पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि क्षेत्र के अधिकारियों व मजदूरों के कठिन मेहनत व लगन तथा ट्रेड यूनियन नेताओं के सकारात्मक सहयोग के कारण ही क्षेत्र लक्ष्य को हासिल कर पाया है.