दो दिन मेहमानी के बाद वापस घर जा रहे थे लोगसंदर्भ : भुरकुंडा में ट्रेन हादसा फोटो फाइल : 8 चितरपुर ए, बी इसी बच्ची के मुंडन संस्कार में आये थे एवं घटना की जानकारी देते परिजनचितरपुर. चितरपुर प्रखंड क्षेत्र के मारंगमरचा गांव के सीताराम ठाकुर के बेटी व सुबोध ठाकुर के बेटे का मुंडन संस्कार शनिवार को रजरप्पा मंदिर में हुआ था. दोनों बच्चों के मुंडन में शामिल होने के लिए भुरकुंडा के तांती गांव से इनके रिश्तेदार सरजू ठाकुर पूरे परिवार के साथ आये थे. वे लोग दो दिनों तक मारंगमरचा व बारघुटू में रूके और अपने परिवार के साथ खुशियां मनाते रहे. सोमवार को पूरे परिवार के साथ ये लोग लगभग दोपहर एक बजे बोलेरो वाहन से मारंगमरचा से रवाना हुए. बताया जाता है कि सरजू ठाकुर अपने परिवार के सभी सदस्यों के साथ कई अन्य रिश्तेदारों से मिलते हुए चेनगड्डा पहुंचे. चेनगड्डा से खाना खाने के बाद वे लोग अपने घर तांती के लिए जा रहे थे. इसी दाैरान रेलवे क्रॉसिंग के पास हावड़ा – भोपाल एक्सप्रेस की चपेट में आ गये. छोटे- छोटे बच्चे गुपचुप खाते रहे : कार्यक्रम में पहुंचे छोटे-छोटे बच्चों दिन भर खेलते कूदते रहे. मारंगमरचा में ठेला वाले से गुपचुप खाते रहे. इन बच्चों को क्या मालूम था कि मौत इनका इंतजार कर रही है. बोलेरो वाहन का सेल्फ खराब था जिस बोलेरो वाहन से लोग मुंडन में शामिल होने आये थे, उसका सेल्फ खराब था. लोग धक्का देकर वाहन को स्टार्ट कर रहे थे. समझा जाता है कि बोलेरो वाहन जैसे ही रेलवे क्रोसिंग के पास पहुंचा, वैसे ही रेलवे ट्रैक में फंस कर बोलेरो वाहन बंद हो गया. इसी बीच तेज गति से आ रही हावड़ा – भोपाल एक्सप्रेस ने बोलेरो के परखचे उड़ा दिये. हालांकि घटना कैसे हुई, यह बताने वाला कोई जीवित नहीं रहा. नशे में था चालक : बोलेरो वाहन के चालक सरजू ठाकुर का रिश्तेदार ही था. बताया जाता है कि चालक ने खुशी के माहौल में शराब पी थी. ऐसे में वाहन चला कर वह 12 लोगों के साथ चेनगड्डा गया. 2:30 बजे रात मिली सूचना : सरजू ठाकुर के मारंगमरचा वाले रिश्तेदार सीताराम ठाकुर ने बताया कि ये लोग यहां दो दिन रुकने के बाद वापस चले गये थे. रात लगभग 2:30 बजे भाई सुबोध ठाकुर ने घटना की सूचना दी. … और इस तरह बच गये हेमलालसुबोध ठाकुर का बड़े साला हेमलाल ठाकुर समारोह में शामिल होने के लिए मोटरसाइकिल से ही अपनी पत्नी व बच्चों के साथ पहुंचा था. बोलेरो में जगह नहीं होने के कारण हेमलाल मोटरसाइकिल से ही समारोह में आया और घर वापस गया. इसके कारण वे लोग बच गये. बताते चले कि बोलेरो में हेमलाल की मां, दो भाई व उनकी पत्नी एवं बच्चे सवार होकर तांती वापस अपने घर जा रहे थे. … अगर समय से अपने घर पहुंचते, तो नहीं होता हादसालोगों का कहना था कि मारंगमरचा से वे लोग दोपहर में ही निकल गये थे. अगर ये लोग शाम तक भी अपने घर पहुंच जाते, तो इतनी बड़ी हादसा नहीं होता.
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दो दिन मेहमानी के बाद वापस घर जा रहे थे लोग
दो दिन मेहमानी के बाद वापस घर जा रहे थे लोगसंदर्भ : भुरकुंडा में ट्रेन हादसा फोटो फाइल : 8 चितरपुर ए, बी इसी बच्ची के मुंडन संस्कार में आये थे एवं घटना की जानकारी देते परिजनचितरपुर. चितरपुर प्रखंड क्षेत्र के मारंगमरचा गांव के सीताराम ठाकुर के बेटी व सुबोध ठाकुर के बेटे का मुंडन […]
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