उरीमारी : बरका-सयाल क्षेत्र के न्यू बिरसा आउटसोर्सिंग परियोजना में कार्यरत ठेका मजदूरों ने बोनस की मांग को लेकर शुक्रवार को दूसरे दिन भी कामकाज को ठप रखा. आउटसोर्सिंग कंपनी से मजदूरों की वार्ता विफल हो गयी. शुक्रवार को कंपनी के प्रतिनिधि खदान क्षेत्र में गये, लेकिन बोनस के सवाल पर कोई ठोस बात नहीं हो सकी. मजदूरों का कहना था कि जब तक बोनस की घोषणा नहीं होगी, तब तक काम चालू नहीं किया जायेगा.
मजदूरों की हड़ताल के कारण न्यू बिरसा परियोजना अपने उत्पादन लक्ष्य से पिछड़ रहा है. कंपनी को इसका नुकसान उठाना पड़ रहा है. दूसरी ओर, मजदूरों का कहना है कि जो बोनस तय किया गया है, वह हमें मिलना ही चाहिए. आंदोलन का नेतृत्व आनंद पांडेय, विनोद सिंह, किशोर करमाली, हीरालाल मुर्मू, ओम प्रकाश रावत, लक्ष्मण यादव, सुखदेव मुर्मू, तापेश्वर प्रजापति, अरविंद प्रजापति, सूरज राणा, मनोज राम, रंजन पासवान, रवींद्र मेहता, शिव शंकर, जटलू करमाली, गोपाल, रवि, धनीराम, संजय सोरेन, देवानंद बेदिया, सिकंदर बारला, राजू हांसदा कर रहे थे.
कामगारों के कामकाज बंद कर देने के कारण परियोजना में उत्पादन संबंधी सभी काम ठप पड़ गये हैं. सौंदा बी साइडिंग तक कोयले की ढुलाई भी बंद हो गयी है. बताया गया कि यहां पर एचएससीएल कंपनी के पेटी कांट्रैक्टर के तौर पर आशा कंस्ट्रक्शन उत्खनन का कार्य करता है. इस परियोजना में 105 ठेका मजदूर विभिन्न कार्यों में कार्यरत हैं. प्रत्येक को पांच हजार रुपये बोनस देने की मांग की जा रही है. समाचार लिखे जाने तक कामकाज ठप था.