भुरकुंडा. अब स्कूल में बजने वाली घंटी से नहीं, बल्कि ब्लास्टिंग का सायरन सुनने पर स्कूल में छुट्टी कर दी जाती है. यह वाक्या है पतरातू प्रखंड के बलकुदरा मदनाटांड़ स्थित नव प्राथमिक विद्यालय का. यहां कक्षा पांच तक की पढ़ाई होती है. कुल 50 बच्चे नामांकित हैं. बुधवार को 12 बच्चे पहुंचे थे. हर वक्त शिक्षक व बच्चे पास में मौजूद कोयला खदान बलकुदरा आउटसोर्सिंग में होनेवाली ब्लास्टिंग के खतरे से सहमे होते हैं.
यही कारण है कि जब ब्लास्टिंग का सायरन बजाया जाता है, तो स्कूल की छुट्टी कर दी जाती है. यह हालात विगत कई महीनों से बना हुआ है. यह स्कूल वर्तमान बलकुदरा खदान से महज 50 मीटर की दूरी पर है. जो शीघ्र ही उत्खनन कार्य की चपेट में आ जायेगा. प्रधानाध्यापिका आशा देवी ने कहा कि ब्लास्टिंग के खतरे को देखते हुए छुट्टी करनी पड़ती है. नया स्कूल भवन अभी तक हम लोगों को हैंड ओवर नहीं किया गया है.
सीसीएल प्रबंधन ने मामले पर कहा कि मदनाटांड़ के लोगों की रजामंदी के बाद ही छठ मंदिर के पास नया भवन बनवाया गया था. लेकिन अब मदनाटांड़ के कई लोग इस नये स्कूल भवन में बच्चों को भेजने में संकोच कर रहे हैं. जिसके कारण फिर से मदनाटांड़ सरना स्थल के पास नया स्कूल भवन बनवाया जा रहा है.नये भवन में शिफ्ट नहीं हुआ स्कूल.बलकुदरा में उत्खनन कार्य शुरू होते ही सीसीएल प्रबंधन ने इस स्कूल को नये स्थान पर शिफ्ट करने की योजना बनायी. इसके लिए लगभग 14 लाख रुपये खर्च कर सीसीएल ने छठ मंदिर नीचे धौड़ा के पास भवन भी तैयार कर दिया. लेकिन भवन बनने के महीनों बाद भी स्कूल इसमें शिफ्ट नहीं हो सका.
बलकुदरा खदान से सटे मदनाटांड़ के बड़ी आबादी में से अधिकांश लोगों को बलकुदरा खदान चालू होने के बाद छठ मंदिर नीचे धौड़ा के समीप पावर हाउस क्षेत्र में बसाया गया. इसी आबादी को ध्यान में रख कर यहां पर नये स्कूल भवन का निर्माण किया गया था. स्कूल के नये भवन में शिफ्ट नहीं होने के कारण यहां के बच्चे अपने पुराने स्कूल में लंबी दूरी होने के कारण नहीं जा पा रहे हैं. मदनाटांड़ में जो लोग अभी भी रह रहे हैं, उनके बच्चे पुराने स्कूल में ही जाते हैं. इधर, नये भवन में स्कूल के शिफ्ट नहीं होने के कारण अब सीसीएल प्रबंधन फिर से नये स्कूल भवन का निर्माण मदनाटांड़ में ही सरना स्थल के पीछे करा रहा है.