बरेली शरीफ व मुबारकपुर अशरफिया ने कहा
रामगढ़ : नूरी मसजिद को हटाये जाने को लेकर सोमवार को बरेली शरीफ व मुबारकपुर अशरफिया द्वारा जारी की गयी फतवे की जानकारी दी गयी. फतवे में कहा गया है कि किसी भी शक्ल में मसजिद की जमीन नहीं बदली जा सकती है.
इसलिए नूरी मसजिद नहीं हटायी जा सकती है. सरकार व मुसलमान मिल कर मसजिद की सुरक्षा करें. आज मुसलिम समाज के लोगों ने मौलाना व गणमान्य लोगों की अगुवाई में फतवे की कॉपी एसी युगल किशोर चौबे को सौंपा तथा कहा कि मसजिद नहीं हटायी जा सकती है.
सड़क बनाने के लिए कोई और विकल्प देखा जाये. आज फतवा की कॉपी सौंपने से पूर्व गोलपार में नसीम अहमद की अध्यक्षता में जिले भर के अंजुमन कमेटी के पदाधिकारियों व मुसलिम समाज के जन प्रतिनिधियों समेत गणमाण्य लोगों की बैठक हुई.
बैठक में मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी, शहजादा अनवर व हाजी रफीक अनवर विशेष रूप से उपस्थित थे. बैठक में बताया गया कि 20 जून को केंद्रीय अंजुमन की पुलिस व प्रशासनिक पदाधिकारियों की बैठक हुई थी.
बैठक में नूरी मसजिद को हटाने के मामले को अति संवेदन शील मानते हुए यह निर्णय लिया गया था कि इसके लिए बरेली शरीफ व मुबारकपुर अशरफिया से फतवा मंगाया जाये. इसके लिए दो मौलाना को भेजा गया. दौनो मौलाना फैसला व फतवा लेकर रामगढ़ पहुंचे. मुसलिम समाज का यह भी कहना है कि लखनऊ, मुगलसराय व दमदम हवाई अड्डा उदहारण है कि इन स्थानों पर धार्मिक स्थल को हटाये बिना निर्माण का उपाय निकाला गया. इसलिए नूरी मसजिद को हटाये बिना ही सड़क निर्माण हो.