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एनओसी नहीं मिलने से पंचायत भवन नहीं बना

एनअोसी नहीं मिलने से पंचायत भवन नहीं बना डेढ़ करोड़ वापस 6 बीएचयू 13 में अपने आवास में कार्य करते सयाल मुखिया सुभाष रजकउरीमारी. कोयलांचल में झारखंड सरकार द्वारा विभिन्न कोलयरियों को पंचायत का दर्जा तो दिया गया, लेकिन इन पंचायतों में विकास कार्यों की राह में सीसीएल का एनओसी नही देना एक रोड़ा साबित […]

एनअोसी नहीं मिलने से पंचायत भवन नहीं बना डेढ़ करोड़ वापस 6 बीएचयू 13 में अपने आवास में कार्य करते सयाल मुखिया सुभाष रजकउरीमारी. कोयलांचल में झारखंड सरकार द्वारा विभिन्न कोलयरियों को पंचायत का दर्जा तो दिया गया, लेकिन इन पंचायतों में विकास कार्यों की राह में सीसीएल का एनओसी नही देना एक रोड़ा साबित हुआ है. बरका-सयाल क्षेत्र की विभिन्न कोलयरियों में फैली इन पंचायतों में किसी भी तरह के विकास कार्यों को करवाने के लिए सीसीएल प्रबंधन से एनओसी की दरकार होती है. प्रक्षेत्र में सयाल उत्तरी, दक्षिणी, सयाल केके, सीसीएल सौंदा, सेंट्रल सौंदा समेत भुरकूंडा, सौंदा डी, चीफ हाउस, बुध बाजार, दो तल्ला पंचायत पड़ता है. जवाहर नगर, सुंदर नगर, पटेल नगर भी कोयलाचंल का पंचायत में शुमार हैं. लेकिन इन पंचायतों में सीसीएल प्रबंधन द्वारा एनओसी नहीं देने के कारण कई विकास कार्य बाधित हो रहे हैं. टेंडर हुआ नहीं, मिला एनओसीअकेले कोयला उत्खननित होने वाले पंचायतो सयाल उत्तरी, दक्षिणी, सयाल केके, एके दत्तो, सीसीएल सौंदा व सेंट्रल सौंदा में पंचायत भवन निर्माण के लिये टेंडर की प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद सीसीएल द्वारा सिर्फ एनओसी नहीं दिये जाने के कारण पंचायत भवन निर्माण का सपना धरातल पर नहीं उतर सका है. इसके कारण पंचायत भवन के निर्माण के लिए आवंटित किये गये करीब डेढ़ करोड़ रुपये वापस हो गये. कोल बेयरिंग एरिया के कारण नहीं मिला एनओसी इस बाबत सीसीएल प्रबंधन द्वारा बताया गया कि कोल बेयरिंग एरिया में स्थाई निर्माण के लिये एनओसी नहीं दिया जा सकता. सीबी एरिया में करोड़ों का कीमती का कोयला दबा पड़ा है, जिसे भविष्य में निकाला जाना है. किसी भी स्थाई निर्माण के लिए (सीसीएल छोड़कर) के लिए परियोजना एरिया स्तर से एनओसी नहीं दिया जा सकता है. मुख्यालय रांची के आदेश पर ही कोई स्थायी निर्माण किया जा सकता हैं. मात्र चीफ हाउस पंचायत का बना भवनसीसीएल प्रबंधन द्वारा सिर्फ चीफ हाउस पंचायत को ही पंचायत भवन बनाने के लिए एनओसी प्रदान किया गया है. सीजीएम सुमित घोष के कार्यकाल के समय यहां पर भवन निर्माण के लिए एनओसी दिया गया था. इसी तर्ज पर कोयलाचंल के अन्य पंचायतों में भी भवन निर्माण के एनओसी मांग प्रबंधन से की गयी. लेकिन एनओसी नही मिल पाया. दस पंचायत का नहीं है अपना भवनसयाल दक्षिणी, उत्तरी, केके, एके, सेंट्रल सौंदा, सीसीएल सौंदा, सौंदा डी, भुरकुंडा, रिवर साइड के दो पंचायतों में एक को छोड़कर नहीं बना है. सचिवालय चलते है निजी आवासों में कोयलांचल के विभिन्न कोलयारियों में स्थित पंचायतों के प्रतिनिधि पंचायत सचिवालय नहीं बनने के कारण जनता काम अपने निजी आवासोें में जैसे तैसे किये जा रहे हैं. सयाल उत्तरी के मुखिया सुभाष रजक ने बताया कि एक -एक ऑफिस टेबल व 12 कुरसी दिये गये हैं. लेकिन आवास में जगह कम रहने के कारण सभी कुरसी को एक साथ नही लगा सकते हैं. श्री रजक ने बताया कि मुखिया तो बन गये, लेकिन एनओसी विकास की राह में बाधा बन कर खड़ा है. लोगों की प्रतिक्रियासयाल पंचायत के मुन्ना कुमार ने कहा कि कोयलांचल में पंचायत तो बनाया गया, लेकिन न्याय नहीं किया गया. टिपला के परवेज ने कहा कि कोयलांचल के मुखिया सिर्फ शोभा की वस्तू है. सौंदा के अर्जुन राम ने कहा कि कोयलांचल के लोग पंचायत बनने का लाभ नही ले पाये. केके पंचायत के राजाराम मुरमू ने कहा कि कोयलाचंल क्षेत्र को पंचायत घोषित कर यहां के लोगों को दोहरा नुकसान उठाना पड़ा है.

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