सीटीओ नहीं मिलने से नवंबर से बंद है खदान
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बंद बलकुदरा खदान के कोयला सीम में लगी आग
सीटीओ नहीं मिलने से नवंबर से बंद है खदान 28 लाख टन कोयले का है भंडार भुरकुंडा : बरका-सयाल सीसीएल क्षेत्र अंतर्गत भुरकुंडा परियोजना के बंद बलकुदरा खदान में कई जगहों पर आग लग गयी है. इससे धीरे-धीरे लाखों रुपये का कोयला जल कर खाक हो रहा है. खदान में अभी भी लगभग 28 लाख […]
28 लाख टन कोयले का है भंडार
भुरकुंडा : बरका-सयाल सीसीएल क्षेत्र अंतर्गत भुरकुंडा परियोजना के बंद बलकुदरा खदान में कई जगहों पर आग लग गयी है. इससे धीरे-धीरे लाखों रुपये का कोयला जल कर खाक हो रहा है. खदान में अभी भी लगभग 28 लाख टन कोयले का भंडार है. सीटीओ (कन्सेंट टू ऑपरेट) नहीं मिलने के कारण यह खदान नवंबर 2018 से बंद है.
खदान बंदी के वक्त सीसीएल ने करीब पांच हजार टन कोयले का खनन कर खदान में ही छोड़ दिया था. इसमें बाद में आग लग गयी. ज्यादातर कोयले की चोरी हो गीा. इस कोयले में लगी आग को बुझाने की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं होने से धीरे-धीरे कोयले की सीम में कई जगहों पर आग लग गयी. सीटीओ नहीं मिलने के कारण भुरकुंडा का डिपार्टमेंटल खुली खदान से भी कोयले की निकासी बंद है.
यहां से सिर्फ ओबीआर का खनन हो रहा है. भुरकुंडा की सभी भूमिगत खदानें भी बंद है. यदि खदानों को शीघ्र सीटीओ नहीं मिला, तो कोलियरी के स्थायी तौर पर बंद हो जाने की भी चर्चा होने लगी है. इधर, भुरकुंडा कोलियरी प्रबंधन ने बताया कि सीटीओ प्राप्त करने की कोशिश जारी है. अगले माह तक कोलियरी चालू होने की उम्मीद है.
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