रामगढ़ : कैथा में रथ महोत्सव को लेकर तैयारी जोरों पर है. परंपरानुसार ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा को भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा व भैया बलभद्र अस्वस्थ हो जाते हैं. अस्वस्थ होने के कारण सोमवार को तीनों विग्रहों को गद्दी से उतारा गया. घंटी ध्वनि के साथ भगवान की मूर्तियों को शुद्ध जल, चंदन, दूध और गंगा जल से स्नान कराया गया. मंदिर के मुख्य पुजारी सह रथ यात्रा महोत्सव आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ बीएन चटर्जी ने बताया कि भगवान के अस्वस्थ होने पर प्रसाद के रूप में साबूदाना केला और दूध चढ़ाया जाता है.
भगवान के तीनों विग्रहों को एकांतवास में ले जाया गया. मंदिर का मुख्य द्वार 15 दिनों के लिए बंद कर दिया गया. तीन जुलाई को चक्षु दान कर भगवान को गद्दी पर बैठाया जायेगा. चार जुलाई प्रात: पांच बजे से मंदिर का द्वार भक्तों के दर्शन को खोला जायेगा. रथयात्रा महोत्सव आयोजन समिति सचिव राजेश कुमार महतो ने बताया कि रथ यात्रा महोत्सव आस्थ और पवित्रता का उत्सव है. कैथा में लगभग दशकों पूर्व यह मेला प्रारंभ हुआ था. भगवान को स्नान कराने में देवधारी महतो, मुख्य पुजारी डॉ बीएन चटर्जी, राजेश कुमार महतो, आशुतोष चटर्जी, हरिहर पाठक, रतन लाल महतो, सुकरा महतो, परितोष चटर्जी, संजय करमाली, संदीप महतो, राजकुमार महतो, माधव करमाली, शक्ति महतो, देवलाल महतो, अजय कुमार, दीपावली चटर्जी, राजबाला चटर्जी, रेणुका ज्योत्सना, मालती देवी, सिद्धार्थ चटर्जी शामिल थे.