भुरकुंडा : भुरकुंडा कोलियरी की बंद पड़ी बलकुदरा खुली खदान के चालू होने की संभावना के बाद बलकुदरा क्षेत्र के ग्रामीण अपने अधिकारों के लिए गोलबंद हो रहे हैं. शनिवार को ग्रामीणों ने बलकुदरा ओवरब्रिज के नीचे मुखिया विजय मुंडा की अध्यक्षता में बैठक की. बैठक में निर्णय लिया गया कि बलकुदरा कोयला खदान को तब तक शुरू नहीं करने दिया जायेगा, जब तक हम लोगों का पूरा अधिकार नहीं दे दिया जाता. कहा गया कि पूर्व में भी हम सबों को विस्थापित किया गया था.
नौकरी, मुआवजा व पुनर्वास आज भी बकाया है. ऐसे में सीसीएल प्रबंधन को सहयोग करने का कोई आधार नहीं बचता है. प्रबंधन पहले हम लोगों से सीधी वार्ता करे. सभी बकाया अधिकार दे. उसके बाद खदान खोलने के बारे में सोचे. यदि प्रबंधन जबरदस्ती करेगी, तो आर-पार की लड़ाई लड़ी जायेगी.
मौके पर रैयत विस्थापित प्रभावित संघर्ष मोरचा का गठन किया गया. इसमें संरक्षक विजय कुमार साहू, अमर यादव, कमलेश सिंह, अध्यक्ष मुखिया विजय मुंडा, उपाध्यक्ष संजय यादव, सचिव रामदेव यादव, कोषाध्यक्ष सुनील मुंडा, संगठन सचिव सूरज सोनी, सुशील मुंडा, त्रिभुवन साहू, रामप्रसाद यादव, रामचंद्र यादव, संगठन सह सचिव मनोज यादव, मनोज मुंडा, जसबीर गौड़, संतोष मुंडा, देवानंद यादव, मीडिया प्रभारी उकेश यादव चुने गये. निर्णय हुआ कि मोरचा की ओर से 19 मई को भुरकुंडा कोलियरी प्रबंधन को ज्ञापन सौंपा जायेगा. बैठक में रवि मुंडा, रामजनम यादव, राम प्रसाद यादव, सूरज सोनी, छोटू मुंडा, रवींद्र मुंडा, निर्मल यादव, अवधेश किशोर सोनी, दिलीप महली, किशोर गोप, महेश मुंडा, दिलीप उरांव, सन्नी प्रसाद, रामचंद्र यादव आदि उपस्थित थे.