मनोज मुंडा ने कहा कि प्रबंधन विस्थापितों के साथ किये गये समझौते के तहत रोजगार के लिए रोड सेल में ट्रकों की लोडिंग सुनिश्चित कराये. संजय करमाली ने कहा कि यहां पर कोयले का आवंटन किया गया है. बावजूद प्रबंधन कोयला लोडिंग के लिए ट्रकों को अनुमति नहीं दे रहा है.
ग्रामीणों में प्रबंधन के प्रति आक्रोश है. तत्काल प्रबंधन बीच का रास्ता निकाले. मौके पर जीतन मुंडा, गणेश गंझू, विनोद हेंब्रम, पंकज हेंब्रम, सुखदेव मुंडा, अजय बेसरा, भोला सिंह, बंधु गंझू, रमेश मुंडा, बाबू गंझू, अजय मरांडी, विनोद मुंडा, किटो गंझू, राजेश मुर्मू, उमेश सिंह, लालू मुंडा, झरी करमाली, विजय सोरेन शामिल थे. इधर, सचिव सोनाराम हेंब्रम ने कहा कि यदि समय रहते ट्रकों को लोडिंग के लिए नहीं भेजा गया, तो कोयला लैप्स कर जायेगा. ऐसे में लोगों को रोजगार से वंचित रहना पड़ेगा. इधर, प्रबंधन द्वारा रोड सेल ऑफिस पर नोटिस चिपकाया गया है. इसमें लिखा गया है कि जेआइएमएमएस द्वारा माइनिंग एप्रुवल नहीं दिया जा रहा है. रॉयल्टी व इनकम टैक्स का भुगतान नहीं हुआ है. इस कारण चालान नहीं कट रहा है. इस वजह से ट्रकों को लोडिंग के लिए कार्ड नहीं दिया जा रहा है. बताना उचित होगा कि नवंबर माह में 25 हजार टन व दिसंबर माह में 20 हजार टन कोयला उठाव का आवंटन किया गया है. पहले माह के आवंटन को उठाने के लिए 10 दिन का समय भी निकल चुका है. ऐसे में पूरा कोयला उठाव की संभावना नहीं दिख रही है.