उरीमारी: बरका-सयाल क्षेत्र एसीसी की बैठक मंगलवार को सयाल स्थित जीएम कार्यालय के सभागार में जीएम प्रकाश चंदा की अध्यक्षता में हुई. बैठक में निर्णय हुआ कि बंद सौंदा डी खदान के मजदूरों को भुरकुंडा भूमिगत में समायोजित किया जायेगा. सयाल 10 नंबर खदान के मजदूरों के स्थानांतरण के बाबत कहा गया कि एसीसी की अगली बैठक में इस पर अंतिम निर्णय लिया जायेगा.
बैठक में कहा गया कि सौंदा डी के मजदूरों के स्थानांतरण संबंधी प्रक्रिया को 15 नवंबर तक पूरा कर लिया जायेगा. बताया गया कि सौंदा डी में 201 टीआर व 64 एमआर मजदूर हैं. भुरकुंडा पीओ ने टेक्निकल में 83 व बंद भूमिगत खदान को चालू करने के लिए दो सौ मजदूरों को वहां पर भेजा जायेगा.
निर्णय लिया गया कि जिन मजदूरों ने स्वेच्छा से दूसरे एरिया की परियोजना में स्थानांतरण की इच्छा व्यक्त की है, उनके आवेदन को मुख्यालय भेज दिया जायेगा. जिन मजदूरों की नौकरी दो वर्ष से कम बची है, उन्हें वहीं पर रखा जायेगा. प्रबंधन ने कहा कि सौंदा डी से भुरकुंडा करीब है, इसलिए यहां के मजदूरों को वहां भेजने में खास परेशानी नहीं होगी.
प्रबंधन और श्रमिक संगठन आपस में सामंजस्य बना कर चलेंगे और क्षेत्र की बेहतरी के लिए कार्य करेंगे. बैठक में जीएम ऑपरेशन अजय सिंह, एसओपी एसके सिंह, भुरकुंडा पीओ जीसी साहा, सयाल पीओ सीबी तिवारी, सीएमओएआइ के एरिया सचिव संजय कुमार, विंध्याचल बेदिया, अशोक शर्मा, सुखदेव प्रसाद, उदय कुमार सिंह, धनंजय वर्मा, शशिभूषण सिंह, देवेंद्र सिंह, बासुदेव साव, बैजनाथ राय, जेपीएन सिन्हा आदि उपस्थित थे. मालूम हो कि सयाल खान दुर्घटना के बाद 10 नंबर भूमिगत खदान को उत्पादन के लिए बंद कर दिया गया है. सौंदा डी भूमिगत खदान को घाटे के कारण इसे बंद करने का निर्णय प्रबंधन ने पूर्व में ही ले लिया था. इन दोनों खदानों के मजदूरों का स्थानांतरण करने को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई थी.