विशिष्ट अतिथि के रूप में बाल संरक्षण आयोग की आरती कुजूर, श्याम सुंदर चौधरी, जिला संघ चालक तिलक राज मंगलम, महावीर बेरलिया व कैलाश चंचल मौजूद थे. कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों ने दीप जला कर किया.
डॉ एचपी नारायण ने कहा कि सनातन धर्म व सरना धर्म एक ही है. यह हमें समझने की आवश्यकता है. मुख्य वक्ता प्रो रिझू कच्छप ने कहा कि सरना व सदान की संस्कृति एक ही है. हिंदू होली मनाता है आैर सरना व सदान दोनों फगुआ मनाता है. सम्मेलन में सैकड़ों पाहनों को सम्मानित किया गया. आरती कुजूर व तिलकराज मंगलम ने भी संबोधित किया. सम्मेलन में मंच का संचालन डॉ संजय सिंह ने किया. मौके पर राजेश ठाकुर, गीता, चिंतामनी, सविता, राजेश मुंडा, गौतम कुमार महतो, रंजन सिंह, गौतम कुमार महतो, करण, पिंटू, पंकज, कविता, सरिता, अनिता, चंदेश्वर मौजूद थे.