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बारिश से सराय गांव का पोखर भरा, घरों में घुसा गंदा पानी

गंदे पानी के बीच स्कूल में एमडीएम बनाने में हो रही है परेशानी गांव के लोगों के घरों का पोखर में ही गिरता है पानी पुसौली : पुसौली बाजार के शाही सराय बस्ती में स्थित शेरशाह सूरी के जमाने के पोखर में लगातार रूक-रूक कर हो रही बारिश के कारण पानी से भर गया है. […]

गंदे पानी के बीच स्कूल में एमडीएम बनाने में हो रही है परेशानी
गांव के लोगों के घरों का पोखर में ही गिरता है पानी
पुसौली : पुसौली बाजार के शाही सराय बस्ती में स्थित शेरशाह सूरी के जमाने के पोखर में लगातार रूक-रूक कर हो रही बारिश के कारण पानी से भर गया है. इसके कारण नीचे के लेबल वाले घरों व पास में स्थित उर्दू मध्य विद्यालय के किचन शेड में भी पानी भर गया है.
इसके चलते स्कूल में एमडीएम बनाने में परेशानी हो रही है. घटाव पंचायत के सराय बस्ती में करीब 300 लोग निवास करते हैं. सभी घरों का पानी बगल में स्थित ऐतिहासिक पोखर में गिरता है. इसके कारण पिछले दो दिनों से हो रही बारिश के कारण पूरा तालाब लबालब भर गया है. नतीजन लोगों के घरों व विद्यालय के किचन शेड में भी पानी घुस गया है. लोगों द्वारा पोखर से पानी निकासी व्यवस्था कराने की मांग कर रहे हैं. गौरतलब है कि पोखर में कई दर्जन घरों के शौचालय व घरों का गंदा पानी गिरता है. इतना ही नहीं आसपास के कूड़ा भी पोखर में ही डाल दिया जाता है. इसके कारण पोखर का पानी पूरा गंदा होकर दुर्गंध निकल रहा है.
शेरशाह सूरी के समय हुआ पोखर का निर्माण: कोलकाता से दिल्ली को जोड़नेवाली एनएच दो के किनारे स्थित सराय गांव का पोखर शेरशाह सूरी के समय में निर्माण हुआ था. जानकारों की माने तो शेरशाह सूरी के शासनकाल में जब एनएच दो (ग्रेंटक रोड) से उनके सिपाही गुजरते थे, तो उनके ठहरने के लिए सड़क के किनारे सराय का निर्माण कराया गया था. सराय में पोखर का भी निर्माण कराया गया था. ताकि, सिपाही स्नान कर के आराम कर आगे बढ़ेंगे. लेकिन, शासन प्रशासन की अनदेखी से आज पोखर का अस्तित्व खत्म होने के कगार पर है. जबकि, आज सराय के नाम पर तो बस्ती है. लेकिन, पोखर गंदगी व अतिक्रमण के चपेट में है.
बरसात में पानी निकासी के लिए होती है राजनीति: पुसौली के सराय बस्ती में स्थित पोखर पूरे गांव के घरों व शौचालय का पानी गिरने व बारिश के कारण भर जाता है, जिससे पानी ओवरफ्लो होकर लोगों के घरों व गलियों में भरने लगता है. इसके बाद स्थानीय प्रशासन व स्थानीय जनप्रतिनिधि पहुंच कर पानी निकासी को लेकर राजनीति शुरू करते है, जो पिछले चार वर्षों से यह समस्या उत्पन्न हो रही है. लेकिन, किसी द्वारा यह सुझाव नहीं दिया गया कि यह पोखर है. इसमें घरों का गंदा पानी क्यों लोग गिरा रहे हैं.
नाला बना कर पूरा बस्ती का पानी कहीं दूसरे जगह गिराया जाये. मुखिया द्वारा पिछले साल लगाये गये लाखों रुपये के बिम्मा का ग्रामीणों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है. जबकि, पिछले साल पोखर के पानी निकासी के लिए कुदरा बीडीओ सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि पहुंचे थे. इसके बाद खुदाई कर पानी की निकासी की गयी. लेकिन, इस वर्ष भी पानी निकासी की समस्या उत्पन्न हो गयी है.
क्या कहते हैं लोग
गांव के गिरिजा गोसाई ने बताया कि आजादी के बाद भी आज हम लोग नरक की जिंदगी जी रहे हैं. गांव में घरों का पानी निकासी के लिए नाला का निर्माण नहीं हुआ. इसके कारण बगल में स्थित तालाब में पानी गिरता है. इससे हर वर्ष तालाब में पानी भरने के बाद घरों में घुस जाता है. पूरा नीचे रखा सामान खराब हो जाता है और काफी बदबू आता है. फिर भी किसी तरह हमलोग निवास करने को मजबूर हैं.

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