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शिक्षा से ही जीवन में बदलाव संभव
मेदिनीनगर : साक्षर भारत कार्यक्रम के तहत गुरुवार को जिला स्तरीय प्रेरक महाम्मेलन का आयोजन किया गया. जिला साक्षरता समिति ने टाउन हाल में महा सम्मेलन का आयोजन किया. मुख्य अतिथि सदर एसडीओ नैंसी सहाय ने महा सम्मेलन का उदघाटन किया. एसडीओ श्रीमति सहाय ने कहा कि शिक्षा से ही लोगों के जीवन में बदलाव […]
मेदिनीनगर : साक्षर भारत कार्यक्रम के तहत गुरुवार को जिला स्तरीय प्रेरक महाम्मेलन का आयोजन किया गया. जिला साक्षरता समिति ने टाउन हाल में महा सम्मेलन का आयोजन किया. मुख्य अतिथि सदर एसडीओ नैंसी सहाय ने महा सम्मेलन का उदघाटन किया. एसडीओ श्रीमति सहाय ने कहा कि शिक्षा से ही लोगों के जीवन में बदलाव आता है. इस कारण जीवन में शिक्षा का काफी महत्व है. जो लोग इस कार्य में लगे हैं, वे बेहतर समाज का निर्माण कर रहे है. एसडीओ ने प्रेरकों को साक्षरता व शिक्षा में फर्क बताया.कहा कि यह कोई जरूरी नही कि साक्षर व्यक्ति शिक्षित हो सके.
शिक्षा का मतलब व्यक्ति का संपूर्ण विकास है. लोगों को बुनियादी शिक्षा के साथ-साथ उसके व्यक्तित्व के विकास पर भी फोकस करने की जरूरत है. वर्तमान में शिक्षाविद् थ्री एच पर काम कर रहे है. इसका मतलब व्यक्ति को वैसी शिक्षा मिलनी चाहिए जिससे वह दिल, दिमाग से स्वस्थ व परिपक्व होकर रोजगार से जुड़े.
साक्षरता कार्यक्रम के तहत लोगों को यह सिखाने की जरूरत है कि वह सही व गलत की पहचान कर कार्य करें. साथ ही उसके दिल में संवेदना जागृत हो और उसका कौशल विकास ही हो सके. एसडीओ ने बताया कि इस तरह से लोगों को बुनियादी शिक्षा के साथ-साथ उसके व्यक्तित्व विकास के लिए शिक्षा दी जायेगी, तभी इस अभियान की सार्थकता सिद्ध होगी. उन्होंने कहा कि सरकार के कल्याणकारी योजनाओं के बारे में भी लोगों को बताने की जरूरत है. शौचालय का निर्माण कराने और उसका उपयोग करने सहित अन्य जनहित की योजनाओं को सार्थक बनाने में उनकी भागेदारी सुनिश्चित हो सके. एसआरसी के निदेशक अतिक जैयदी ने कहा कि परिवार व समाज में बदलाव के लिए महिलाओं को शिक्षित होना आवश्यक है. यह कहा जाता है कि बच्चे की प्रथम पाठशाला की गुरु मां होती है.जब महिलाएं अशिक्षित रहेंगे, तो बच्चों को शिक्षा के महत्व को कैसे बतायेंगी. समाज में बदलाव लाने के लिए सभी महिलाओं को शिक्षित होना आवश्यक है.
उन्होंने साक्षर भारत कार्यक्रम के तहत वित्तीय साक्षरता व कानूनी साक्षरता दिये जाने की जानकारी दी. 19 मार्च को आयोजित आकलन जांच परीक्षा को सफल बनाने का आह्वान किया. समिति के जिला सचिव शिव शंकर प्रसाद ने बताया कि दो लाख 10 हजार नवसाक्षरों को आकलन जांच परीक्षा में शामिल कराने का लक्ष्य निर्धारित है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए साक्षरता कार्यक्रम से जुड़े सभी कार्यक्रम पदाधिकारी, प्रेरक व स्वयं सेवक शिक्षकों को सक्रिय होकर काम करने की जरूरत है. साक्षता का दीप हर घर में जलाकर अशिक्षा के कलंक को मिटाना है.
उन्होंने बताया कि जिले में साक्षता अभियान को तेज गति से चलाया जा रहा है. प्रयास है कि जिले को पूर्ण साक्षर घोषित किया जाये. सम्मेलन में प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी जवाहर प्रसाद, अनिता मिश्रा, निलेश, शशिकला, बीपीएम गोपाल प्रसाद, प्रमोद सिंह, सूर्यनाथ पांडेय, विनय सिंह, संजय कुमार, रंजय कुमार, सतीश कुमार,सोनू साव, केदारनाथ सिंह सहित जिले के विभिन्न क्षेत्रों से आये प्रेरक मौजूद थे. सम्मेलन में शारदा देवी, किरण देवी एवं विजय देवन ने गीत प्रस्तुत किया. कार्यक्रम का संचालन जिला समन्वयक रामानुग्रह सिंह ने किया.
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