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आठ डिसमिल जमीन के लिए देने होंगे 20.41 लाख

तीस साल के लिए मिलेगी लीज, एक मुश्त जमा करनी होगी राशि मेदिनीनगर : सन 1965 में जगधात्रि कुंवर की सास के नाम पर जमीन ट्रांसफर हुई थी. यह जमीन मेदिनीनगर के मदन मोहन रोड में वार्ड 12 में बाजार क्षेत्र में स्थित है. जमीन उस वक्त जगधात्रि कुंवर की सास बासी देवी के नाम […]

तीस साल के लिए मिलेगी लीज, एक मुश्त जमा करनी होगी राशि
मेदिनीनगर : सन 1965 में जगधात्रि कुंवर की सास के नाम पर जमीन ट्रांसफर हुई थी. यह जमीन मेदिनीनगर के मदन मोहन रोड में वार्ड 12 में बाजार क्षेत्र में स्थित है. जमीन उस वक्त जगधात्रि कुंवर की सास बासी देवी के नाम पर लीज ट्रांसफर हुई थी. पूर्व में यह जमीन की लीज शिवरतन साहू, शिवटहल साहू आदि के नाम पर था. बाद में उनके परिजन श्यामसुंदर प्रसाद साहू ने इसे श्यामलाल साहू की पत्नी बासी देवी के नाम पर 30 सितंबर 1965 को लीज ट्रांसफर कर दिया था. जगधात्रि कुंवर की मानें तो उस वक्त शहर में जमीन को लेकर ऐसी परेशानी नहीं थी. जमीन लीज पर भले ही मिलती थी, लेकिन जरूरत पड़ने पर पैसे लेकर दूसरों को जमीन ट्रांसफर कर दी जाती थी. विभागीय प्रक्रिया भी पूर्ण हो जाती थी. लगान रसीद भी मिलती थी, तब जिनके पास जमीन होती थी, वह निश्चिंत रहते थे कि जरूरत पड़ने पर वह इसका उपयोग कर सकते हैं. लेकिन अब वह बात नहीं रही.
अब लोगों को चिंता इस बात को लेकर है कि नयी दर पर आखिर वे लोग कैसे अपनी जमीन का लीज नवीकरण करायेंगे. लीज धारियों की मानें तो दर में काफी बढ़ोतरी हुई है. सरकार ने खास महाल की जमीन के लीज नवीकरण का जो दर निर्धारण किया है, उससे जगधात्री कुंवर चिंता में पड़ गयी है.
जगधात्री कुंवर की सास बासी देवी के नाम पर आठ डिसमिल जमीन है, जिस पर मकान भी है. इसे उसने 1965 में 15 हजार में लिया था. उस समय उसका वार्षिक लगान दो रुपया 44 पैसा था. वर्ष 2017 में अब इसी जमीन के लिए 51 हजार 40 रुपये वार्षिक लगान के रूप में अदा करना पड़ेगा.
राजस्व व भूमि सुधार विभाग ने आवासीय प्रयोजन के लिए जमीन के लगान का जो दर निर्धारित किया है, उसके मुताबिक मुख्य मार्ग पर तीन लाख 19 हजार रुपये प्रति डिसमिल है.
सरकार के निर्णय के आलोक में इस दर का दो प्रतिशत राशि वार्षिक लगान लिया जाना है. चूंकि जमीन खास महाल की है. इसलिए विभाग द्वारा 30 साल के लिए जमीन का लीज नवीकरण किया जायेगा. इसे लेकर लगान की राशि 30 वर्ष के लिए एक मुश्त जमा करनी है. साथ ही वार्षिक लगान का 10 गुणा सलामी भी देना है. इस दृष्टिकोण से यदि देखें तो, जगधात्री कुंवर के पास जो जमीन है, उसका लीज नवीकरण कराने में 20 लाख 41 हजार 600 रुपये लगेंगे. पैसा कहां से आयेगा यह सोच कर जगधात्री कुंवर का पूरा परिवार चिंता में है. समस्या सिर्फ यहीं समाप्त नहीं होती. होल्डिंग टैक्स भी देना है. ऐसी हालात में जमीन बच पायेगी या नहीं, यह भी एक बड़ा सवाल है. इस चिंता से कोई एक परिवार नहीं, बल्कि कई परिवार परेशान है.खासकर वैसे लोग खास महाल की जमीन पर बसे हैं. लेकिन उनकी माली हालत ठीक नहीं है. जो पैसे वाले हैं, वह भी इस तरह को स्वीकार नहीं कर रहे हैं.
फैक्टसीट
मेदिनीनगर में लीजधारियों की संख्या 1622 है. सरकारी प्रावधान के मुताबिक, खास महाल की भूमि आवासीय या व्यावसायिक प्रयोजन के लिए जमीन 30 वर्षों के लिए लीज पर दी जाती है. झारखंड के महालेखागार ने जो अंकेक्षण किया था, उसके प्रतिवेदन से यह स्पष्ट हुआ था कि पलामू जिले के मेदिनीनगर में 1622 लीजधारी हैं. इसमें 1592 का लीज समाप्त हो चुका है.
इसके बाद इन लीजधारियों ने अपने लीज का न तो नवीकरण कराया है और ना ही वार्षिक लगान का ही भुगतान किया है. पिछले कई वर्षों से लीज नवीकरण का कार्य लंबित पड़ा हुआ है. इस बीच राजस्व व भूमि सुधार विभाग ने नयी दर का निर्धारण कर सूची प्रकाशित की है, जिसके बाद लीजधारियों की चिंता बढ़ गयी है.

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