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700 एकड़ भूमि का लंबित है भुगतान

35 वर्ष बाद भी अधिगृहित भूमि का नहीं मिला मुआवजा छतरपुर : बटाने जलाशय योजना से विस्थापित लोगों के लंबित मांगों को लेकर बटाने बिस्थापित मंच व बटाने प्रभावित मोर्चा की संयुक्त तत्वाधान में विस्थापितों की बैठक संरक्षक अजय कुमार सिंह पूर्व मुखिया (लक्ष्मीपूर) की अध्यक्षता में हुई. हाई स्कूल गुलाबझरी परिसर में हुई बैठक […]

35 वर्ष बाद भी अधिगृहित भूमि का नहीं मिला मुआवजा
छतरपुर : बटाने जलाशय योजना से विस्थापित लोगों के लंबित मांगों को लेकर बटाने बिस्थापित मंच व बटाने प्रभावित मोर्चा की संयुक्त तत्वाधान में विस्थापितों की बैठक संरक्षक अजय कुमार सिंह पूर्व मुखिया (लक्ष्मीपूर) की अध्यक्षता में हुई. हाई स्कूल गुलाबझरी परिसर में हुई बैठक में 700 विस्थापित परिवार मौजूद थे.
बैठक का संचालन बटाने विस्थापित जिला समन्वय समिति सदस्य अनिल सिंह पटेल ने की. बैठक में 18 जून 2016 को मेदिनीनगर में हुई बटाने विस्थापित जिला समन्वय समिति की बैठक की कार्यवाही की समीक्षा की गयी, जिसमें पाया गया कि डैम के लिए अधिगृहित भूमि का मुआवजा और विस्थापितों को मानवीय सुविधा भुगतान करने की कार्यवाही पूरी तरह शिथिल है. बताया गया कि अफसरों के लालफीताशाही के कारण विस्थापितों का मुआवजा भुगतान 35 वर्षों से लंबित है. वहीं गृह निर्माण राशि भुगतान पर पुनर्वास पदाधिकारी द्वारा अव्यावहारिक रूप से रोक लगा दी गयी है.
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि अगर एक माह के अंदर विस्थापितों की मांगें पूरी नहीं की गयी, तो प्रभावित जनता उग्र आंदोलन करने को बाध्य होगी. इसकी सूचना क्षेत्रीय विधायक को भी दी गयी है.
विस्थापितों की मांग में डूब क्षेत्र का सीमांकन करने, समर्पित सूची के अनुसार विस्थापितों को नौकरी देने, विभिन्न गांवों में 700 एकड़ भूमि का मुआवजा देने, मृत पिता के नाम मानवीय सुविधा बेटे को देने, नावाडीह पुनर्वास स्थल पर भौतिक कब्ज़ा दिलाने, सभी पुनर्वास स्थलों के सार्वजनिक स्थल पर बोर्ड लगाने, विस्थापितों को दी गयी भूमि के परचा का दाखिल ख़ारिज करने आदि व बटाने जिला समन्वय समिति की बैठक आहूत कराने की मांग की गयी. बैठक में जगदीश यादव और शंकर दयाल सिंह ने भी समस्यायों पर चर्चा की. विस्थापित जिला समन्वय समिति सदस्य इंदल सिंह के धन्यवाद ज्ञापन के साथ बैठक का समापन हुआ.

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