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अब अपराध पर लगेगा अंकुश

मेदिनीनगर : पलामू पुलिस अपराधियों पर नकेल कसने में जुटी है. पहले कुणाल, फिर फैज, दिलीप शर्मा उर्फ मुखिया जैसे लगभग 30 अपराधी को सजा मिल चुकी है. पहले आमतौर पर देखा जाता था कि जो अपराधी पकड़े जाते थे, उनके खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य और गवाहों की ससमय मौजूदगी नहीं होने का लाभ उठाकर जेल […]

मेदिनीनगर : पलामू पुलिस अपराधियों पर नकेल कसने में जुटी है. पहले कुणाल, फिर फैज, दिलीप शर्मा उर्फ मुखिया जैसे लगभग 30 अपराधी को सजा मिल चुकी है. पहले आमतौर पर देखा जाता था कि जो अपराधी पकड़े जाते थे, उनके खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य और गवाहों की ससमय मौजूदगी नहीं होने का लाभ उठाकर जेल से छूट जाते थे, लेकिन ऐसे अपराधियों को सजा मिले, इसके लिए पलामू पुलिस ने स्पीडी ट्रायल के माध्यम से मामले की सुनवाई करने का आग्रह माननीय न्यायालय से किया, उसके बाद से लगातार मामले की सुनवाई हुई और अपराधियों को सजा मिली. पुलिस का मानना है कि इससे अपराध के खिलाफ वातावरण बनेगा.
अपराधियों के मन में भय पैदा होगा. पलामू के कुख्यात अपराधी डब्लू सिंह को माननीय न्यायालय ने सजा सुनाये जाने के बाद शहर थाना प्रभारी संजय कुमार मालवीय ने विस्तार से इस मामले की जानकारी दी. कहा कि समय पर गवाह पहुंचे, उन्हें सुरक्षा मिले, इस बात पर पूरा ध्यान रखा गया. एसपी मयूर पटेल का यह स्पष्ट निर्देश है कि इस मामले की मॉनेटेरिंग की जाये, ताकि किसी स्तर पर भी चूक न हो. एसपी श्री पटेल के कुशल नेतृत्व का ही प्रतिफल है कि 30 से अधिक अपराधियों को सजा मिल चुकी है.
क्या था मामला : श्यामबिहारी सिंह पेशे से संवेदक थे. वह मूल रूप से पांडू थाना क्षेत्र के करमडीह गांव के रहने वाले थे. वह हमीदगंज में विनय चौक के पास उनका मकान था. वह परिवार के साथ हमीदगंज में ही रहते थे. 17 जनवरी, 2007 को शाम के करीब 7.45 बजे पथ निर्माण विभाग के किसी अधिकारी से मिल कर अपने साथी के साथ मोटरसाइकिल से लौटे थे.
उनका साथी विनय चौक के पास उन्हें मोटरसाइकिल से उतार कर चला गया. आरोप है कि इसी दौरान डब्लू सिंह अपने एक सहयोगी सिंटू सिंह के साथ वहां मोटरसाइकिल से पहुंचा और श्यामबिहारी सिंह से बातचीत करने लगा. बताया जाता है कि टेंडर को लेकर विवाद था. ठेकेदारी विवाद के कारण ही डब्लू सिंह अपने एक सहयोगी के साथ श्यामबिहारी सिंह को धमकी देने गये थे. लेकिन जब श्यामबिहारी सिंह ने बात नहीं मानी, तो इनलोगों ने उन्हें गोली मार दी थी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गये थे. इलाज के दौरान सदर अस्पताल में उनकी मौत हो गयी थी. इस मामले में अज्ञात अपराधियो के खिलाफ श्यामबिहारी सिंह के भाई कृष्णमुरारी सिंह ने मामला दर्ज कराया था. बाद में पुलिस अनुसंधान में यह मामला सामने आया कि इस डब्लू सिंह और सिंटू सिंह का हाथ है. साक्ष्य और गवाहों के बयान के आधार पर न्यायालय ने भी डब्लू सिंह को इस मामले में दोषी पाया और सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनायी.
शहर थाना प्रभारी संजय कुमार मालवीय के अनुसार इस मामले में एक अन्य आरोपी सिंटू सिंह के खिलाफ एक अन्य न्यायालय में मामला लंबित है. बताया गया कि डब्लू सिंह के खिलाफ 25 से अधिक मामले हत्या व रंगदारी का दर्ज है. उसका कार्यक्षेत्र शहर, सदर, लेस्लीगंज, पाटन, विश्रामपुर व लातेहार जिला भी है. अपराधियों का जो श्रेणीकरण किया गया था, उसमें उसे ए नंबर में रखा गया था. पूर्व से ही वह जेल में बंद है.

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