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जल संकट का हो स्थायी समाधान

बिरसा मुंडा शहादत दिवस. शिवाजी मैदान में पानी पंचायत का आयोजन मेदिनीनगर : पलामू प्रमंडल में सुखाड-अकाल व जल संकट के स्थायी समाधान को लेकर अकाल विरोधी मंच के बैनर तले विभिन्न संगठन और दलों ने एकजुट होकर आंदोलन तेज कर दिया है. पिछले जनवरी माह से ही मंच द्वारा प्रमंडल के विभिन्न क्षेत्रों में […]

बिरसा मुंडा शहादत दिवस. शिवाजी मैदान में पानी पंचायत का आयोजन
मेदिनीनगर : पलामू प्रमंडल में सुखाड-अकाल व जल संकट के स्थायी समाधान को लेकर अकाल विरोधी मंच के बैनर तले विभिन्न संगठन और दलों ने एकजुट होकर आंदोलन तेज कर दिया है. पिछले जनवरी माह से ही मंच द्वारा प्रमंडल के विभिन्न क्षेत्रों में जन जागरूकता अभियान चलाया गया. अमर शहीद भगवान बिरसा मुंडा के शहादत दिवस पर शिवाजी मैदान में पानी पंचायत का आयोजन किया गया.
इससे पहले प्रमंडल के विभिन्न क्षेत्रों से आये हजारों लोगों ने पैदल मार्च किया. शिवाजी मैदान से निकल कर लोग अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी करते हुए शहर के प्रमुख मार्गों का भ्रमण किया. पैदल मार्च के माध्यम से लोगों ने जल संकट व अकाल-सुखाड़ के स्थायी समाधान के लिए संघर्ष करने का एलान किया. शिवाजी मैदान में आयोजित पानी पंचायत में अकाल विरोधी मंच के बैनर तले जुटे विभिन्न संगठनों व दलों के नेताओं ने यह तय किया कि पलामू प्रमंडल को सुखाड़, अकाल व जल संकट से स्थायी निजात दिलाने के लिए दीर्घ कालीन व लंबी लड़ाई लड़ने की जरूरत है.
सरकार के भरोसे बैठे रहने से काम नहीं चलेगा. शहर से लेकर गांव तक पानी के लिए हाहाकार मचा है. पलामू प्रमंडल में ही नहीं, बल्कि देश के अधिकांश हिस्सों में पेयजल संकट गहरा गया है. कहीं गोली चालन की घटना हो रही है, तो कहीं पानी के लिए 144 धारा लागू किया जा रहा है. आखिर इस स्थिति से निजात कैसे मिले, इसके लिए आम आदमी को चिंतन करना होगा और संगठित होकर इसके लिए लड़ाई लड़नी होगी. पानी पंचायत में कई दलों के नेताओं ने झारखंड सरकार द्वारा जल संचयन के नाम पर कराये जा रहे डोभा निर्माण योजना को लूट की योजना करार दिया है.
लोगों ने कहा कि झारखंड में कई ऐसी छोटी-बड़ी सिंचाई परियोजना अधूरी पड़ी है, जिसका काम पूरा करा दिया जाये तो बहुत हद तक जल संकट की समस्या से निजात मिलेगी. पलामू प्रमंडल में 32 मध्यम सिंचाई परियोजनाएं देखरेख के अभाव में जर्जर और अनुपयोगी हो चुकी है. मंडल डैम में गेट लगाने का काम बाकी है.
प्रमंडल में हजारों छोटे-बड़े तालाब, आहर, चेकडैम हैं. जो जल संचय के लिए भरोसेमंद स्रोत थे. आज वे गड्ढे के रूप में तब्दील हो गये हैं. इन सिंचाई के जलस्रोतों को बचाने की दिशा में सरकार द्वारा कोई काम नहीं किया जा रहा है. बल्कि सरकारी राशि के लूट के लिए डोभा जैसी योजना लाकर विकास का ढिंढोरा पीटा जा रहा है. लोगों ने कहा कि सरकार की मंशा ठीक नहीं है. सरकार न तो सिंचाई की व्यवस्था कर सकती है और न ही वह किसानों के हित के लिए कोई ठोस काम कर सकती है.
जरूरत है प्रमंडल के किसान, मजदूर व आमजनों को एकजुट होकर इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए आंदोलन तेज करने की. अध्यक्षता इप्टा के राज्य अध्यक्ष उपेंद्र मिश्रा व संचालन माले के राज्य कमेटी सदस्य रविंद्र भुइयां व धन्यवाद ज्ञापन इप्टा के रविशंकर ने किया. कार्यक्रम में भाकपा माले के राज्य सचिव जनार्दन प्रसाद, अकाल विरोधी मंच के संयोजक युगल पाल, एआइपीएफ के नंदलाल सिंह, वामपंथी चिंतक शैलेंद्र कुमार, झारखंड राज्य दिहाड़ी मजदूर यूनियन के राज्य सचिव राजीव कुमार, पूर्व विधायक सुधा चौधरी, आरएन सिंह, जेम्स हेरेंज, वृजनंदन मेहता, मुखिया सुरेश चौधरी, अनिता देवी, मोहन ठाकुर, राजेंद्र पासवान, मंजीत भुइंया, गौतम चटर्जी, श्री राम डालटन, प्रेम प्रकाश, शब्बीर अहमद, सुरेश सिंह, राजू, रवि, सरफराज आलम, उदय कुमार, कविता िसंह सहित अन्य ने लोगों को गोलबंद होने का अाह्वान किया.

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