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कुणाल सहित नौ को उम्र कैद
सजा. ज्ञानचंद पांडेय के पोता के अपहरण का मामला मेदिनीनगर : जिला जज चार मोहम्मद नसरुद्दीन की अदालत ने अपहरण के मामले में अपराधी कुणाल सिंह सहित नौ को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. अदालत ने राजद नेता ज्ञानचंद पांडेय के पोता अभिनव कुमार पांडेय के अपहरण की सुनवाई करते हुए यह फैसला […]
सजा. ज्ञानचंद पांडेय के पोता के अपहरण का मामला
मेदिनीनगर : जिला जज चार मोहम्मद नसरुद्दीन की अदालत ने अपहरण के मामले में अपराधी कुणाल सिंह सहित नौ को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. अदालत ने राजद नेता ज्ञानचंद पांडेय के पोता अभिनव कुमार पांडेय के अपहरण की सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनायी है. राजद नेता ज्ञानचंद पांडेय के पोता अभिनव पांडेय का अपहरण 15 नवंबर 2013 को फिरौती के लिए किया गया था, इस मामले की प्राथमिकी 16 नवंबर 2013 को अभिनव के पिता निलेश पांडेय ने दर्ज कराया था.
प्राथमिकी में कुणाल सिंह सहित छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. इसके अलावा अन्य अपराधियों के हाथ होने की आशंका प्राथमिकी में जाहिर की गयी थी. पुलिस ने अनुसंधान में यह पाया कि इस मामले को कुणाल गिरोह ने अंजाम दिया है. कुणाल सिंह ने फिरौती के लिए अभिनव पांडेय का अपहरण किया था.
पुलिस ने उपलब्ध कराये गये साक्ष्य और गवाहों के बयान के आधार पर अदालत ने यह पाया कि इस मामले में कुणाल और उसके आठ सहयोगी दोषी है. इसी मामले में दो आरोपियों पर साक्ष्य नहीं मिले, उन्हें बरी कर दिया गया. जो आरोपी बरी हुए हैं, उसमें बिनू सिंह उर्फ विश्वजीत सिंह, अमन कुमार सिन्हा का नाम शामिल है. जिनलोगों को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनायी है, उसमें मेदिनीनगर स्थित हमीदगंज के कुणाल सिंह, उसका भाई चंदन सिंह, राजेश कुमार वर्मा उर्फ फंटूश, प्रकाश सिंह, बाबू प्रजापति, रेडमा के पप्पू पांडेय उर्फ राकेश पांडेय, छोटू पांडेय उर्फ हिमांशु पांडेय, बिहार औरंगाबाद कुटुंबा निवासी अरविंद पांडेय, ललन पासवान शामिल है.
गौरतलब है कि इस मामले में न्यायालय में अनुरोध पत्र दाखिल कर स्पीडी ट्रायल के माध्यम से सुनवाई करने का आग्रह किया था, इसी आग्रह पर न्यायालय ने स्पीडी ट्रायल के माध्यम से इस मामले का निष्पादन किया. पलामू के पुलिस अधीक्षक मयूर पटेल ने बताया कि वैसे मामले जिसमें जिले के कुख्यात अपराधी शामिल हैं, तत्वरित कार्रवाई हो, इसके लिए मामले की सुनवाई कराये जा रहे हैं. बताया गया कि एक ही अपहरण के मामले में जांच के क्रम में दो सत्रवाद न्यायालय में चलाये गये और कुल नौ लोगों को आजीवन कारावास की सजा दी गयी.
नावाटोली से हुआ था अपहरण
अपहरण का यह मामला 15 नवंबर 2013 का है. ज्ञानचंद पांडेय का पोता अपने पुराने मकान नावाटोली में मरम्मति का कार्य देखने गया हुआ था, जब वह नहीं लौटा तो उसके मोबाइल पर संपर्क करने पर कहा गया कि वह लौट रहा है. बाद में पता चला कि कुछ लोग अभिनव को स्टेशन की ओर ले गये हैं.
पुन: अभिनव के मोबाइल से फोन आया कि वह पप्पू पांडेय के साथ है. जब अभिनव के दादा ज्ञानचंद पांडेय ने अभिनव के मोबाइल पर संपर्क किया, तो अपहरणकर्ताओं ने कहा कि आपका पोता का अपहरण हो गया, वह उनके साथ है, रुपये का इंतजाम करें और पुलिस प्रशासन को खबर नहीं करें, अन्यथा सजा पोता को भुगतनी होगी.
काफी खोजबीन करने पर अपहरणकर्ताओं का नाम पता लगाया, इस बीच अभिनव के पिता निलेश कुमार पांडेय 16 नवंबर 2013 को पटना से लौट कर आने पर शहर थाना में छह नामजद लोगों के साथ अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
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