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60 करोड़, 50 लाख रु की सिंचाई योजनाओं को मंजूरी
पलामू को पानी संकट से निजात दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है. हर खेत को पानी मिले, ताकि किसानों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े. इसके लिए सिंचाई योजनाओं पर ध्यान दिया जा रहा है. जल संरक्षण पर भी काम होगा. मेदिनीनगर : पलामू के छतरपुर व पाटन में छह […]
पलामू को पानी संकट से निजात दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है. हर खेत को पानी मिले, ताकि किसानों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े. इसके लिए सिंचाई योजनाओं पर ध्यान दिया जा रहा है. जल संरक्षण पर भी काम होगा.
मेदिनीनगर : पलामू के छतरपुर व पाटन में छह सिंचाई योजनाओं का सुदृढ़ीकरण होगा. इस पर 60 करोड़, 50 लाख रुपये खर्च होंगे. वित्तीय वर्ष 2016-17 में इन योजनाओं को मंजूरी मिली है.
तय किया गया है कि 2018 तक इस कार्य को पूर्ण कर लिया जायेगा. शुक्रवार को सतारूढ़ दल के मुख्य सचेतक सह छतरपुर विधायक राधाकृष्ण किशोर ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि वैसी छह पुरानी सिंचाई योजना है. जिस पर अपेक्षित ध्यान नहीं दिये जाने के कारण किसानों को उसका लाभ नहीं मिल पा रहा था. इसलिए वैसी योजनाओं को मंजूरी दिलायी गयी है, ताकि किसानों के खेतों तक पानी पहुंचे. विधायक श्री किशोर ने स्पष्ट किया कि इस बार के कार्यकाल में उनका फोकस जल संरक्षण पर है. क्योंकि पलामू में चार से छह मीटर पानी नीचे चला गया है. भूगर्भीय जल के साथ-साथ सतही जल का भी समुचित उपयोग नहीं हो पाता, जिसके कारण परेशानी है. इसलिए आज जो स्थिति है, उसे देखते हुए जल संरक्षण जरूरी है.
चूंकि नयी सिंचाई योजना लेने में कई तरह की तकनीकी त्रुटि भी हो सकती है, विभागीय प्रक्रिया भी है, इसलिए वैसी सिंचाई योजना जो पुरानी है, पर उसका अपेक्षित रखरखाव नहीं हुआ, इसके कारण उसका लाभ नहीं मिल रहा है, वैसी योजनाओं के पुर्नउत्थान के लिए प्रयास किये जा रहे हैं. मौके पर प्रशांत किशोर, राजेंद्र पांडेय, ईश्वरी पांडेय, लव मेहता सहित कई लोग मौजूद थे.
क्या होगा लाभ
इन सिंचाई योजनाओं के सुदृढ़ीकरण हो जाने से छतरपुर, पाटन, पड़वा, नौडीहा बाजार के तीन हजार, 200 हेक्टेयर में सिंचाई क्षमता बहाल होगी. इसकालाभ रबी व खरीफ दोनों फसलों में मिलेगा.
पुरानी 129 योजनाएं हैं
पूरे राज्य में 129 ऐसी सिंचाई योजनाएं है, जो पूर्व में निर्मित हैं. सरकार वैसी योजनाओं के वृहद संरक्षण के लिए कार्य करेगी. इस पर राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास गंभीर हैं. सतारूढ़ दल के मुख्य सचेतक राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि जो आंकड़े तैयार किये गये हैं, उसके मुताबिक यदि 129 योजनाओं का वृहद संरक्षण और सुदृढ़ीकरण का कार्य होगा, तो तीन लाख हेक्टेयर की भूमि सिंचित होगी.
श्री किशोर का कहना है कि पुरानी योजनाओं का संरक्षण व रखरखाव बेहतर तरीके से हो, इस पर सरकार गंभीर है. वह छतरपुर व पाटन इलाके में जल संरक्षण वाली योजनाओं को प्राथमिकता के साथ कर रहे हैं, ताकि जल संकट दूर हो और खेतों तक भी पानी पहुंचे.
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