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झारखंड का केज कल्चर पूरे देश के लिए उदाहरण

झारखंड का केज कल्चर पूरे देश के लिए उदाहरणफ्लैग:::: नेशनल फिशरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनएफडीबी) के चीफ एग्जीक्यूटिव केएन कुमार ने कहा जल संसाधन विभाग ने मत्स्य पालन के लिए डैमों को देने का आश्वासन दियाजल संसाधन व ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव मिले केएन कुमार वरीय संवाददाता, रांची नेशनल फिशरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनएफडीबी) के […]

झारखंड का केज कल्चर पूरे देश के लिए उदाहरणफ्लैग:::: नेशनल फिशरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनएफडीबी) के चीफ एग्जीक्यूटिव केएन कुमार ने कहा जल संसाधन विभाग ने मत्स्य पालन के लिए डैमों को देने का आश्वासन दियाजल संसाधन व ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव मिले केएन कुमार वरीय संवाददाता, रांची नेशनल फिशरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनएफडीबी) के चीफ एग्जीक्यूटिव सह भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1987 बैच के अधिकारी केएन कुमार ने कहा कि झारखंड में केज कल्चर से जो मछली का उत्पादन हो रहा है, वह पूरे देश के लिए उदाहरण है. इसे देश के बेस्ट प्रैक्टिस वाली श्रेणी में शामिल किया गया है. दूसरे राज्यों को यहां हो रहे कार्यों के बारे में बताया जा रहा है. जनवरी माह में नार्थ इस्ट से 200 किसानों व अधिकारियों का दल यहां के केज कल्चर की जानकारी लेने आयेगा. उनको झारखंड के अधिकारी प्रशिक्षण भी देंगे. केज कल्चर को नार्थ इस्ट में अपनाने के लिए प्रेरित किया जायेगा. श्री कुमार चार दिनों के झारखंड दौरे पर आये हैं. सोमवार को उन्होंने पत्रकारों से बात की. इससे पहले उन्होंने जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव सुखदेव सिंह और ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव एनएन सिन्हा से भी मुलाकात की. श्री कुमार ने सुखदेव सिंह से आग्रह किया कि जल संसाधन के रिजर्वायर (डैम) को भी मछली पालन के लिए उपयोग किया जाये. इस पर श्री सिंह ने अाश्वस्त किया कि इस पर गंभीरता से विचार करेंगे. 2020 तक इनलैंड में मत्स्य उत्पादन में नंबर-1 राज्य हो जायेगा झारखंड श्री कुमार ने कहा कि आंध्र प्रदेश अभी मछली उत्पादन में नंबर-1 राज्य है. ऐसा समुद्री तट होने के कारण है. जिस गति से काम हो रहा है, उससे झारखंड 2020 तक बिना समुद्री तट वाले (इनलैंड) राज्यों में मछली उत्पादन में नंबर एक राज्य हो जायेगा. 2017-18 के बाद राज्य में जरूरत से ज्यादा उत्पादन होने की उम्मीद है. इसके बाद राज्य मछली निर्यात भी कर सकता है. इसकी तैयारी अभी से करने का निर्देश राज्य के अधिकारियों को दिया गया है. विकास का मॉडल बहुत अच्छा श्री कुमार ने कहा कि झारखंड में मत्स्य विकास का जो मॉडल तैयार किया गया है, वह बहुत अच्छा है. इसको व्यावसायिक रूप नहीं देकर विस्थापितों को जोड़ा गया है. चांडिल में ज्यादा मछली उत्पादन उस डैम के विस्थापित कर रहे हैं. इससे उनको आजीविका मिली हुई है.

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