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एक सप्ताह में एसएआर कोर्ट बंद करें

एक सप्ताह में एसएआर कोर्ट बंद करें भू-राजस्व विभाग की समीक्षा में मुख्यमंत्री ने दिया आदेश – कहा, एसएआर कोर्ट का माध्यम से ठगे जा रहे हैं आदिवासी – मार्च 2017 तक अॉनलाइन म्यूटेशन शुरू करने का निर्देश – समय पर काम नहीं करनेवाले अधिकारियों का कटेगा वेतन – पांच जनवरी को लैंड बैंक के […]

एक सप्ताह में एसएआर कोर्ट बंद करें भू-राजस्व विभाग की समीक्षा में मुख्यमंत्री ने दिया आदेश – कहा, एसएआर कोर्ट का माध्यम से ठगे जा रहे हैं आदिवासी – मार्च 2017 तक अॉनलाइन म्यूटेशन शुरू करने का निर्देश – समय पर काम नहीं करनेवाले अधिकारियों का कटेगा वेतन – पांच जनवरी को लैंड बैंक के उदघाटन की तैयारी करने का आदेश विशेष संवाददातारांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने एक सप्ताह के अंदर एसएआर कोर्ट को बंद करने का आदेश दिया है़ इससे संबंधित आवश्यक कानूनी प्रक्रिया जल्द पूरी करने को कहा है़ समय सीमा में काम नहीं करनेवाले अधिकारियों का वेतन काटने और कठोर कार्रवाई करने का निर्देश दिया. मुख्यमंत्री बुधवार को भू-राजस्व विभाग की समीक्षा कर रहे थे़ उद्योग-धंधे स्थापित होने से मिलेगा रोजगार समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा : एसएआर कोर्ट का माध्यम से आदिवासी ठगे जा रहे हैं. आदिवासियों के जमीन हस्तांतरण के मुद्दे पर विचार के दौरान ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल ने इसे समाप्त करने का सुझाव दिया था. मुख्यमंत्री ने पांच जनवरी को लैंड बैंक के उदघाटन के मद्देनजर तैयारी पूरी करने का निर्देश दिया़ लैंड बैंक से संबंधित सारी जानकारियों को वेबसाइट पर अपलोड करने को कहा़ मुख्यमंत्री ने कहा : सरकार का लक्ष्य है कि निवेशकों को राज्य में उद्योग–धंधे स्थापित करने के लिए तत्काल जमीन मिले. उद्योग-धंधे स्थापित होने से राज्य का माहौल बदलेगा और लोगों को रोजगार मिलेगा. उन्होंने राज्य में मार्च 2017 तक अॉनलाइन म्यूटेशन शुरू करने का निर्देश दिया.अाॅनलाइन सिस्टम में सुधार करें मुख्यमंत्री ने सर्वे सेटलमेंट की अंतिम रिपोर्ट जारी करने में आ रही परेशानियों को देखते हुए कमेटी बना कर एक सप्ताह में समाधान निकालने को कहा़ उन्होंने कहा : लोगों के हित में जरूरी हो, तो कानून में भी बदलाव करें. अाॅनलाइन सिस्टम में सुधार करें, जरूरी हो तो नयी नियुक्ति करें. समय सीमा में काम नहीं करनेवाले अधिकारियों का वेतन काटने और कठोर कार्रवाई करने का आदेश दिया. विभाग ने बतायी उपलब्धि विभाग की ओर से उन्हें बताया गया कि पारदर्शिता लाने के लिए बैंक से निबंधन शुल्क जमा करने की व्यवस्था की जा रही है. सभी निबंधन कार्यालय के 1970 से 2008 तक के डाटा का डिजिटलाइजेशन का कार्य लगभग पूर्ण हो गया है. देवघर व गोड्डा में डिजिटलाइजेशन का कुछ काम बाकी है. केआइसीसी को संस्थान के लिए जमीन चिन्हित कर ली गयी है. समीक्षा बैठक में विभागीय मंत्री अमर कुमार बाउरी, विकास आयुक्त आरएसपोद्दार, प्रधान सचिव वित्त अमित खरे, मुख्यमंत्री के सचिव सुनील कुमार वर्णवाल, सचिव राजस्व एवं भूमि सुधार केके सोन उपस्थित थे.

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