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राज्य सरकार व डीपीएस को नोटिस जारी करने का नर्दिेश

राज्य सरकार व डीपीएस को नोटिस जारी करने का निर्देशझारखंड हाइकोर्ट ने जवाब मांगामामला सिंगल गर्ल चाइल्ड को नामांकन में प्राथमिकता देने के लिए माता-पिता से शपथ पत्र लेने कारांची : झारखंड हाइकोर्ट ने बुधवार को डीपीएस में सिंगल गर्ल चाइल्ड को नामांकन में प्राथमिकता देने के लिए माता-पिता से शपथ पत्र लेने काे लेकर […]

राज्य सरकार व डीपीएस को नोटिस जारी करने का निर्देशझारखंड हाइकोर्ट ने जवाब मांगामामला सिंगल गर्ल चाइल्ड को नामांकन में प्राथमिकता देने के लिए माता-पिता से शपथ पत्र लेने कारांची : झारखंड हाइकोर्ट ने बुधवार को डीपीएस में सिंगल गर्ल चाइल्ड को नामांकन में प्राथमिकता देने के लिए माता-पिता से शपथ पत्र लेने काे लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रतिवादियों को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ ने राज्य सरकार, डीपीएस सोसाइटी दिल्ली, डीपीएस रांची को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने पूछा कि सिंगल गर्ल चाइल्ड को नामांकन में प्राथमिकता देने के लिए जो शपथ पत्र उसके माता-पिता से लिया जा रहा है, वह किस नियम से मांगा गया है. क्या राज्य सरकार ने कोई नियम बनाया है. यदि बनाया है, तो उसकी भी जानकारी कोर्ट में प्रस्तुत की जाये. चीफ जस्टिस ने सुनवाई के दाैरान उदाहरण देते हुए कहा कि यदि किसी पिता के पांच वर्ष की इकलाैती बेटी है. उसका नामांकन डीपीएस में हो जाता है. बाद में पत्नी का निधन हो गया. फिर वह दोबारा शादी करता है, उससे एक पुत्री हो जाती है, तो उसका क्या होगा. पहले से पढ़ रही बच्ची के खिलाफ कार्रवाई करेंगे आैर दूसरी को पढ़ने का अवसर नहीं देंगे, यह कैसे संभव होगा. क्या यह अधिकारों का हनन नहीं माना जायेगा. चीन में युवा वर्ग की कमी को देखते हुए वहां एक बच्चे के सिद्धांत को बदलने पर विचार चल रहा है. इससे पूर्व प्रार्थी की अोर से खंडपीठ को बताया गया कि किसी भी पब्लिक स्कूल में इस तरह की व्यवस्था लागू नहीं है. सिर्फ डीपीएस ने ऐसा नियम बनाया है. सिंगल गर्ल चाइल्ड को प्राथमिकता मिले, लेकिन माता-पिता से इस आशय का शपथ पत्र मांगा जाना कि भविष्य में दूसरा बच्चा नहीं होगा. यदि बच्चे होते है, तो पहले से पढ़ रही बच्ची के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. स्कूल प्रबंधन द्वारा इस तरह का नियम लागू करने से लोगों के माैलिक अधिकारों का हनन हो रहा है. प्रार्थी ने यह भी कहा कि सीबीएसइ गाइडलाइन के अनुसार यदि एक अभिभावक की दो बच्ची एक ही स्कूल में पढ़ती है, तो एक बच्ची का ही शुल्क लिया जायेगा, यह अब तक लागू नहीं किया गया है. शपथ पत्र लेने की व्यवस्था को निरस्त करने का आग्रह किया. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी अजय राय व अन्य की अोर से जनहित याचिका दायर कर डीपीएस स्कूल द्वारा शपथ पत्र लेने के फैसले को चुनाैती दी गयी है.

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