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….बच्चों में वैज्ञानिक सोच जगायें

….बच्चों में वैज्ञानिक सोच जगायेंजिला स्कूल मैदान में जिलास्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन 500 प्रतिभागियों ने प्रदर्शनी में भाग लियाफोटो सैकत 1,2कैप्सन: उदघाटन करते अतिथि एंव बच्चों द्वारा मॉडल तैयार कियाप्र्रतिनिधि, मेदिनीनगर.इंस्पयार आवार्ड 2015 के तहत जिला स्कूल के मैदान में जिलास्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी का उदघाटन प्रशिक्षु आइएएस दिव्यांशु झा, पलामू के डीडीसी प्रमोद कुमार […]

….बच्चों में वैज्ञानिक सोच जगायेंजिला स्कूल मैदान में जिलास्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन 500 प्रतिभागियों ने प्रदर्शनी में भाग लियाफोटो सैकत 1,2कैप्सन: उदघाटन करते अतिथि एंव बच्चों द्वारा मॉडल तैयार कियाप्र्रतिनिधि, मेदिनीनगर.इंस्पयार आवार्ड 2015 के तहत जिला स्कूल के मैदान में जिलास्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी का उदघाटन प्रशिक्षु आइएएस दिव्यांशु झा, पलामू के डीडीसी प्रमोद कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता डीइओ रतन कुमार महावर ने की. संचालन शिक्षक अशफाक अहमद ने किया. अतिथियों के स्वागत में सदर कस्तूरबा स्कूल की छात्रा पायल, अनुराधा, रूपा, चंचला, रूपानी व पूजा ने स्वागत गान प्रस्तुत किया. मौके पर प्रशिक्षु आइएस श्री झा ने कहा कि विज्ञान के प्रति बच्चों में व्यावहारिक ज्ञान पैदा करने की जरूरत है. जमीनीस्तर पर इसकी शिक्षा देने की आवश्यकता है. शिक्षक व बच्चों में मधुर संबंध होना चाहिए. श्री झा ने कहा कि बच्चों को सभी क्षेत्रों में जानकारी देनी चाहिए. बदलाव के सूत्रधार शिक्षक ही होते हैं. विद्यालय के बच्चों के प्रति शिक्षक पर इसकी जिम्मेवारी है. उन्होंने कहा कि बच्चों में विज्ञान के प्रति सोच होती है, उसे सही दिशा देने की जरूरत है. पलामू डीडीसी प्रमोद सिंह ने कहा कि विज्ञान के प्रति बच्चों में जागरूकता लानी होगी. ग्रामीण क्षेत्र से निकल कर भी बेहतर किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि स्कूल के बच्चेे विज्ञान के क्षेत्र में बेहतर करें, ताकि राष्ट्र का नाम रोशन हो. वैज्ञानिक सोच के लिए अच्छी शिक्षा देने की जरूरत है. बच्चे मासूम हैं, उन्हें सही मार्गदर्शन होनी चाहिए. तभी बेहतर कर सकते है. बच्चों में प्रतिस्पर्द्वा होनी चाहिए. डीआरडीए निदेशक हैदर अली ने कहा कि बच्चों में वैज्ञानिक सोच पैदा होनी चाहिए. विज्ञान के क्षेत्र में आने वाले समय में भारत आगे होगा. डीइओ श्री महावर ने कहा कि भारत सरकार की योजना प्रारंभ की गयी है. बच्चों में विज्ञान के प्रति जागरूकता पैदा करना है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य यही है. उन्होंने कहा कि भारत आदिकाल से विश्वगुरु था. भारत की गुलामी के बाद शिक्षा व्यवस्था पर चोट हुई थी. लेकिन फिर से भारत उस दिशा में आगे बढ़ रहा है. सरकार इस तरह के कार्यक्रम आयोजित कर विज्ञान के प्रति सोच रखने वाले बच्चों को आगे लाने का प्रयास कर रही है. सीओ जेके मिश्रा ने कहा कि बच्चों में वैज्ञानिक सोच पैदा करना मील का पत्थर साबित होगा. बच्चों में तकनीकी शिक्षा होना जरूरी है. मौके पर प्रोफेसर एसी मिश्रा, प्राचार्य महेंद्र प्रसाद सिंह, कार्यक्रम प्रभारी शिक्षक विजय कुमार, आएमएसए के सहायक राकेश कुमार मिश्रा, सेवानिवृत शिक्षक राजेंद्र सिंह,पांकी के प्राचार्य महावीर पांडेय, सदर कस्तुरबा के वार्डेन रानी झा, सहायक निरज सिन्हा, विश्वनाथ प्रसाद सहित कई लोग मौजूद थे. 500 प्रतिभागियों ने भाग लियाविज्ञान प्रदर्शनी में विभिन्न विद्यालय के 500 प्रतिभागियों ने भाग लिया. निर्णायक मंडली द्वारा 61 प्रतिभागियों का चयन किया जायेगा. चयन मंडली में प्रोफेसर एसी मिश्रा, प्रोफेसर संजीत कुमार, डॉ प्रभात कुमार पाठक, सोनम मित्तल, वीणा कुमारी के नाम शामिल हैं.

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