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ओके…चरत्रि नर्मिाण का माध्यम है मानस : धर्मराज

अोके…चरित्र निर्माण का माध्यम है मानस : धर्मराज फोटो कैप्सन 1 पाठ करते आचार्य हुसैनाबाद (पलामू). शहर के महावीर जी भवन में चल रहे 35वां मानस नवाह्न परायण महायज्ञ के संध्या समय श्रद्धालुओं की अप्रत्याशित भीड़ उमड़ने लगी है. शहर का माहौल दुर्गा मय की ओर अग्रसर है. वहीं मानस नगरी रजवरिया से आये आचार्य […]

अोके…चरित्र निर्माण का माध्यम है मानस : धर्मराज फोटो कैप्सन 1 पाठ करते आचार्य हुसैनाबाद (पलामू). शहर के महावीर जी भवन में चल रहे 35वां मानस नवाह्न परायण महायज्ञ के संध्या समय श्रद्धालुओं की अप्रत्याशित भीड़ उमड़ने लगी है. शहर का माहौल दुर्गा मय की ओर अग्रसर है. वहीं मानस नगरी रजवरिया से आये आचार्य धर्मराज पांडेय के नेतृत्व में आयोजित मानस महायज्ञ में पाठकर्ता के रूप में राजीव रंजन मिश्र, मनोज पांडेय, मधुकर मिश्रा, चंद्रमनी मिश्रा, संजय पाठक, विवेक पाठक, मनीष पाठक, महेंद्र मिश्र, रोहित पाठक, पताल जी, शिवशंकर मिश्रा की मुखार ध्वनि से क्षेत्र गुलजार है. माहौल दुर्गामय हो चला है. कार्यक्रम के तीसरे दिन आचार्य धर्मराज पांडेय ने कार्यक्रम आयोजन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि रामचरित मानस चरित्र निर्माण का सर्वोत्तम साधन है. रामचरित मानस अपने आप में कोड ऑफ कंडक्ट है. इसमें जीवन के सभी पहलू को सर्वोत्तम बनाने का उपाय है. इससे आत्मसात करने की जरूरत है. जिस घर में माता-पिता में अच्छा समन्वय होता है, उस घर के बच्चों को अच्छी संस्कार मिलती है. मौके पर राजेंद्र पाल, राकेश तिवारी, मुन्ना भाई गुप्त, सूरज प्रसाद गुप्ता, गोपाल पाठक, प्रदीप कुमार मिश्र, मंतोष लाल, संजय चंदेल समेत कई लोग मौजूद थे.

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