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कुछ दल सामाजिक कटुता फैलाने का काम कर रहे : मुख्यमंत्री

कुछ दल सामाजिक कटुता फैलाने का काम कर रहे : मुख्यमंत्रीवर्तमान सरकार विधि व्यवस्था और अमन-चैन बनाने की दिशा में कर रही है कामराज्य को अगले पांच वर्षों में विकसित राज्यों की श्रेणी में लाया जायेगाअनुसूचित जनजाति संवर्ग के युवक-युवतियों को प्रशिक्षित किया जायेगासीएम ने राजधानी में कल्याण कांपलेक्स और जनजातीय कौशल विकास केंद्र का […]

कुछ दल सामाजिक कटुता फैलाने का काम कर रहे : मुख्यमंत्रीवर्तमान सरकार विधि व्यवस्था और अमन-चैन बनाने की दिशा में कर रही है कामराज्य को अगले पांच वर्षों में विकसित राज्यों की श्रेणी में लाया जायेगाअनुसूचित जनजाति संवर्ग के युवक-युवतियों को प्रशिक्षित किया जायेगासीएम ने राजधानी में कल्याण कांपलेक्स और जनजातीय कौशल विकास केंद्र का किया उदघाटन वरीय संवाददाता, रांचीमुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि कुछ राजनीतिक दल सामाजिक कटुता फैलाने का काम कर रहे हैं. समाज में भेदभाव न रहे, इसके लिए वर्तमान सरकार विधि व्यवस्था और अमन-चैन बनाने की दिशा में काम कर रही है. कुछ दल सरकार के इस पहल के इतर अलग काम कर रहे हैं. इसे सफल नहीं होने दिया जायेगा. राज्य को अगले पांच वर्षों में विकसित राज्यों की श्रेणी में लाया जायेगा. मुख्यमंत्री ने बुधवार को राजधानी के मोरहाबादी में बने कल्याण कांपलेक्स और जनजातीय कौशल विकास केंद्र के उदघाटन करने के बाद उक्त बातें कही. उन्होंने कहा कि जनजातीय आदर्श ग्राम योजना के तहत अनुसूचित जनजाति संवर्ग के युवक-युवतियों को प्रशिक्षित किया जायेगा. इन्हें सरकार की तरफ से एक-एक लाख रुपये की सहायता राशि भी दी जायेगी. सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में ऐसे 1000 गांवों को विकसित करने का निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि अलग राज्य बनने के बाद राजनीतिक अस्थिरता से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों का विकास नहीं हो पाया. योजनाएं बनीं, पर उसका लाभ लोगों तक नहीं पहुंच पाया. सरकार इस पिछड़ेपन को दूर करने का प्रयास कर रही है. कृषि, आइटी और अन्य क्षेत्र में झारखंड आत्मनिर्भर बने, इस दिशा में कार्य किये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि 2016-17 का बजट जनवरी तक तैयार कर लिया जायेगा. एडवांस बजट बना कर आम जनता तक सरकारी योजना का लाभ कैसे पहुंचे, इस पर कार्रवाई चल रही है. कल्याण मंत्री लुईस मरांडी ने कहा कि विभागों के अधिकारी सही तरीके से काम नहीं कर रहे हैं. ऊपर से लेकर नीचे तक सिस्टम को ठीक करने की जरूरत है, तभी नयी योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंच पायेगा. कल्याण सचिव राजीव अरुण एक्का ने कहा कि राज्य में 86 लाख आबादी अनुसूचित जनजाति की है. इनमें साक्षरता दर 57 फीसदी ही है. अनुसूचित जनजाति संवर्ग में दसवीं तक ड्राप आउट का प्रतिशत 80 फीसदी है, जो चिंता का विषय है. इस पर ध्यान देने की जरूरत है. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार, आदिवासी कल्याण आयुक्त श्रवण साय भी मौजूद थे.

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