19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

प्रतष्ठिा गुम हो गयी, जी हुजूरी हावी

चैनपुर (पलामू) : ज्वाला पांडेय सेमरा पंचायत के मुखिया रह चुके हैं. उनकी उम्र 80 के आसपास है. वर्तमान में पंचायत चुनाव को लेकर जो स्थिति वह देख रहे हैं, उससे वह काफी निराश हैं. उनका कहना है कि पहले के चुनाव में प्रत्याशी की योग्यता और पृष्ठभूमि को देखा जाता था, लेकिन अब यह […]

चैनपुर (पलामू) : ज्वाला पांडेय सेमरा पंचायत के मुखिया रह चुके हैं. उनकी उम्र 80 के आसपास है. वर्तमान में पंचायत चुनाव को लेकर जो स्थिति वह देख रहे हैं, उससे वह काफी निराश हैं. उनका कहना है कि पहले के चुनाव में प्रत्याशी की योग्यता और पृष्ठभूमि को देखा जाता था, लेकिन अब यह बात नहीं है. अब प्रत्याशी के चयन करने में लोग जात-पात देखते हैं.

जिस गांव में जिस जाति की बहुलता है, उस जाति का प्रत्याशी यदि योग्य भी नहीं हो वह चुन लिया जाता है. जो योग्य होता है, उसकी जाति का वोट नहीं होता, वह चुनाव हार जाता है. अयोग्य लोगों के चुने जाने से समाज को नुकसान होता है. क्योंकि विकास के लिए जो राशि आती है, जो कार्य करना होता है, उसे वह ठीक तरीके से नहीं कर पाता. पहले इस तरह अफसरशाही भी नहीं थी. पंचायत प्रतिनिधियों का समाज से लेकर सरकारी कार्यालयों तक अदब होता था. लेकिन अब स्थिति यह है कि मुखिया, पंसस अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए लगे रहते हैं.

कैसे दो पैसे आयें, इसके लिए दिन-रात अफसरों की जी हुजूरी में लगे रहते हैं. जब अपने स्वार्थ में प्रतिनिधि ही अफसरों के सामने घुटना टेक देंगे, तो प्रतिष्ठा कहां से रह जायेगी. ऐसे में वह जनता के काम के लिए अफसरों पर दबाव भी नहीं बना पाते. कुल मिलाकर देखा जाये तो अभी की स्थिति काफी निराशाजनक है. इसलिए यह ज्यादा जरूरी है कि लोग अपना प्रतिनिधि चुनने से पहले उसकी योग्यता और पृष्ठभूमि का ध्यान रखें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें