15 साल बाद भी शुरू नहीं हुआ स्वास्थ्य उपकेंद्र बिशुनपुरा(गढ़वा). बिशुनपुरा प्रखंड में स्वास्थ्य सुविधा से सरकार द्वारा पूरी तरह से उपेक्षित महसूस कर रहा है. 30 हजार की आबादी वाले बिशुनुपरा प्रखंड में सरकारी स्वास्थ्य सुविधा के अभाव के कारण यहां के ग्रामीणों को झोलाछाप चिकित्सक अथवा ओझागुणी के चक्कर में पड़ना पड़ता है. विदित हो कि बिशुनपुरा में स्वास्थ्य सुविधा के अभाव को देखते हुए वर्ष 2000 में चार लाख की लागत से स्वास्थ्य उपकेंद्र का निर्माण कराया गया था, लेकिन 15 वर्ष बीत जाने के बाद भी अभी तक इस स्वास्थ्य उप केंद्र का उदघाटन भी नहीं हुआ. भवन नहीं होने के कारण यहां न तो चिकित्सक न ही एएनएम की पदस्थापना हुई है. स्वास्थ्य उप केंद्र के बनने के 15 साल बाद तक इसका रख रखाव नहीं होने के कारण यह भवन धीरे-धीरे जर्जर होकर टूटकर गिरने लगा है. इसकी चहारदीवारी जहां पूरी तरह से टूट गयी है, वहीं मुख्य प्रवेश द्वार का दरवाजा सड़ चुका है. खिड़कियां भी क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं. स्वास्थ्य उप केंद्र के अंदर रखे बिस्तर पूरी तरह से अनुपयोगी हो चुके हैं. स्वास्थ्य केंद्र के आसपास पूरी तरह से झाड़िया उग आयी हैं. विदित हो कि वर्ष 2008 में बिशुनपुरा को प्रखंड का दर्जा मिला था. इसके बाद इस स्वास्थ्य उपकेंद्र को चालू होने की आशा प्रखंडवासियों में जगी थी. उस समय उदघाटन के लिए मंत्री का कार्यक्रम होने के कारण इसका रंग-रोगन भी किया गया था. लेकिन मंत्री के जाते ही पुन: इसे उपेक्षित कर दिया गया. इसके कारण आजतक यह स्वास्थ्य उपकेंद्र प्रखंडवासियों के लिए पूरी तरह अनुपयोगी साबित हो रहा है.
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15 साल बाद भी शुरू नहीं हुआ स्वास्थ्य उपकेंद्र
15 साल बाद भी शुरू नहीं हुआ स्वास्थ्य उपकेंद्र बिशुनपुरा(गढ़वा). बिशुनपुरा प्रखंड में स्वास्थ्य सुविधा से सरकार द्वारा पूरी तरह से उपेक्षित महसूस कर रहा है. 30 हजार की आबादी वाले बिशुनुपरा प्रखंड में सरकारी स्वास्थ्य सुविधा के अभाव के कारण यहां के ग्रामीणों को झोलाछाप चिकित्सक अथवा ओझागुणी के चक्कर में पड़ना पड़ता है. […]
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