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राजनीति अखाड़ा न बनायें
मेदिनीनगर : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और एनएसयूआइ आमने-सामने हैं. सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस कर एनएसयूआइ ने अभाविप द्वारा उठाये गये सवाल का जवाब दिया था. साथ ही आरोप भी लगाये थे. मंगलवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने भी प्रेस कांफ्रेंस कर कहा है कि किसी भी परिस्थिति में परिषद महाविद्यालय और विश्वविद्यालय के […]
मेदिनीनगर : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और एनएसयूआइ आमने-सामने हैं. सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस कर एनएसयूआइ ने अभाविप द्वारा उठाये गये सवाल का जवाब दिया था. साथ ही आरोप भी लगाये थे. मंगलवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने भी प्रेस कांफ्रेंस कर कहा है कि किसी भी परिस्थिति में परिषद महाविद्यालय और विश्वविद्यालय के परिसर को राजनीतिक अखाड़ा में तब्दिल नहीं होने देगी.
कांफ्रेंस में परिषद के विश्वविद्यालय संयोजक ज्योति पांडेय ने कहा कि दो वर्ष पहले एनएसयूआइ सक्रिय हुई है. उसके बाद छात्र राजनीति को ढाल बना कर इससे जुड़े लोग व्यक्तिगत कार्य साधने में लगे हुए हैं. कांग्रेस अपनी अस्तित्व को बचाने के लिए विद्यार्थियों को दिग्भ्रमित कर शिक्षा व्यवस्था को बरबाद करने में एनएसयूआइ का सहारा ले रही है.
श्री पांडेय ने कहा कि जो एनएसयूआइ से जुड़े हैं, उन्हें खुद पता नहीं है कि वह कहां है. पहले वह तय कर लें कि वह इंटक में है. यूथ कांग्रेस या फिर एनएसयूआइ में. श्री पांडेय ने कहा कि आज वैसे लोग विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों पर दबाव बनाने का काम कर रहे हैं, जिन्हें छात्रों से जुड़ी समस्या से कोई लेना-देना नहीं है.
जहां तक परिषद की बात है, तो परिषद की कार्य प्रणाली शुरू से ही छात्रहित में कार्य करने की है. शिक्षा का बेहतर माहौल तैयार हो, इसके लिए परिषद ने शुरू से ही सक्रियता के साथ काम किया है, इसके लिए एनएसयूआइ जैसे संगठन से परिषद को प्रमाण पत्र लेने की जरूरत नहीं है.
मौके पर दीपक पांडेय, हरिवंश सिंह, राजीवरंजन पांडेय, अक्षय कुमार, रोहित पाठक, सतीश तिवारी, आशुतोष तिवारी, राहुल पाठक, पिंटू गुप्ता, पप्पू जायसवाल, नीतिश तिवारी, आनंदमोहन सहित कई लोग मौजूद थे.
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