छतरपुर (पलामू) : छतरपुर थाना क्षेत्र के चीरू गांव के प्रभु चौधरी ने मंगलवार की रात पत्नी मीना देवी की गला दबा कर हत्या कर दी और शव को घर के आंगन में ही दफना दिया. यही नहीं, हत्या के बाद चौधरी ने गांव में यह अफवाह फैला दी कि उसकी पत्नी घर से भाग गयी है, लेकिन घटना के दो दिन के बाद ही प्रभु चौधरी के चार साल के बेटे ने भेद खोल दिया.
पुलिस ने आंगन में दफनाये गये मीना के शव को बरामद कर लिया है. इस मामले में पत्नी की हत्या का आरोपी प्रभु चौधरी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. उसने पुलिस के समक्ष अपना जुर्म कबूल कर लिया. आरोपी प्रभु चौधरी का कहना है कि उसकी पत्नी बदचलन थी. इसलिए उसने उसकी हत्या कर दी. आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह कर्नाटक में काम करता था. चार जून को वह लौटा था. ग्रामीणों से उसे जानकारी मिली थी कि उसकी पत्नी बदचलन हो गयी है. इसके बाद नौ जून को उसके घर ससुराल पक्ष के रिश्तेदार आये थे.
उनलोगों के साथ अपनी पत्नी का उसी तरह का व्यवहार देखा, जिसके बारे में गांववालों ने उसे बताया था. इसके बाद वह काफी गुस्से में आ गया. मंगलवार की रात उसने पत्नी से अनैतिक संबंध के बारे में पूछताछ की. विवाद बढ़ा, गुस्साये चौधरी ने पत्नी की गला दबा हत्या कर दी.
पहले से खोद रखा था गड्ढा
मंगलवार को घर से रिश्तेदारों के चले जाने के बाद प्रभु चौधरी ने आंगन में गड्ढा खोद लिया था. उसकी पत्नी ने इसके बारे में पूछा तो उसने बताया कि वह चापानल लगाने वाला है.
यह गड्ढा सोख्ता का काम करेगा. इसी गड्ढे में उसने हत्या के बाद शव को दफनाया था. इधर, घर से भाग जाने की खबर मिलने के बाद मीना देवी के पिता गोविंद चौधरी व अन्य लोगों ने खोजबीन शुरू कर दी. कोई सुराग नहीं मिलने पर गोविंद चौधरी चीरू गांव पहुंचा.
इसी बीच प्रभु चौधरी के चार साल के बेटे ने अपने नाना को बताया कि उसकी मां की हत्या पिता ने कर दी है. इसके बाद गोविंद चौधरी ने पुलिस को सूचना दी. पुलिस दंडाधिकारी रूपेश कुमार सिन्हा के साथ प्रभु चौधरी के घर पहुंची और आंगन में गाड़े गये शव को निकलवा कर अंत्यपरीक्षण के लिए भेज दिया.
हत्या का अफसोस नहीं
पत्नी की हत्या का प्रभु चौधरी को कोई मलाल नहीं है. उसने बताया कि उसकी पत्नी जैसी थी, उसे वैसी ही सजा मिल गयी है. बदचलन के साथ जिंदगी जीने से अच्छा मर जाना ही है. उसने बताया कि कर्नाटक कमाने इसलिए गया था कि कुछ पैसे की व्यवस्था कर पॉल्ट्री फॉर्म खोलेगा, लेकिन जब घर लौटा, तो हकीकत का पता चला.