सतबरवा (पलामू) : पलामू के लहलहे गांव में पहले तो अंधविश्वास के कारण इलाज में देर होने से सर्पदंश की शिकार महिला की मौत हो गयी. फिर झाड़–फूंक कर जिंदा कर देने के दावे पर उसके शव को दो बार कब्र से निकाला गया, जिसका नतीजा सिफर ही रहा.
जानकारी के मुताबिक, पलामू में चोर की अफवाह के कारण बुधवार 28 अगस्त को नीतू देवी (25) अपने परिजनों के साथ जमीन पर सोयी थी. इस दौरान सांप ने उसे डंस लिया. सुबह हालत बिगड़ने पर अस्पताल ले जाने के बजाय गांव में ही उसका झाड़–फूंक कराया गया.
गुरुवार को स्थिति ज्यादा बिगड़ने पर उसे सदर अस्पताल लाया गया. जहां हालत में सुधार नहीं होने पर उसे तुंबागाड़ा स्थित नवजीवन अस्पताल ले जाया जाने लगा, लेकिन नीतू ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया.
परिजनों ने शुक्रवार को नीतू के शव को दफना दिया. परिजनों ने बताया कि नीतू का पति दशरथ राम बाहर काम करता है.
दोनों दावेदारों ने पल्ला झाड़ा
ग्रामीणों ने बताया कि शुक्रवार को छतरपुर के डाली गांव का एक तथाकथित वैद्य पहुंचा. उसने जड़ी–बूटी से नीतू को जिंदा करने का दावा किया. परिजनों की सहमति के बाद शव को कब्र से बाहर निकाला गया. वैद्य ने दवा सुंघाया, लेकिन कोई असर नहीं हुआ. वैद्य ने इलाज में देर होने की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ लिया.
फिर शव को दफना दिया गया. फिर रविवार को सिंगरा के रामनाथ राम व बारी गांव की एक महिला पहुंची. रामनाथ दावा किया कि अगर भूत–प्रेत द्वारा भेजा गया सांप ने महिला को नहीं डसा होगा, तो वह मंतर से उसे जिंदा कर देगा. परिजन उसकी बातों में आकर पुन: शव को निकाला. शव से दरुगध आने पर उसने भी पल्ला झाड़ लिया.