लेस्लीगंज : प्रेम, विवाह, विरह, फिर रहस्यमय तरीके से घर से गायब हो जाना. यह कहानी एक नि:शक्त लड़की की है. लड़की का नाम शोभा है. 20 वर्षीय शोभा लेस्लीगंज थाना क्षेत्र के खैराट गांव की रहने वाली है.
शोभा नि:शक्त होने के कारण टूट चुकी थी. इसी बीच उसका संपर्क गांव के ही लालजी मोची के पुत्र सुरेंद्र मोची से हुआ. धीरे-धीरे मुलाकात प्रेम में बदल गयी. गांव वालों ने दोनों के प्रेम को विवाह में बदलने का निर्णय लिया.
सांगबार पंचायत की मुखिया गीता देवी ने सारी वस्तुस्थिति से पुलिस को भी अवगत कराया. ग्रामीण व मुखिया की उपस्थिति में अगस्त 2012 में दोनों की शादी मंदिर में कर दी गयी. शादी के कुछ ही दिनों के बाद सुरेंद्र घर से यह कह कर बाहर चला गया कि वह काम करने जा रहा है. बस यही से शुरू होती है शोभा की दर्द भरी कहानी.
शोभा को प्रताड़ित किया जाने लगा. ग्रामीणों की मानें, तो उसके ससुर लालजी मोची व सास घुरवा देवी उसे मवेशी चराने के लिए जंगल भेजते थे. खाने-पीने के लिए भी उसे नहीं देते थे. साथ ही उसे यह कह कर प्रताड़ित किया जाता था कि उसके द्वारा ही सुरेंद्र को घर से भगा दिया गया है.
शोभा सब कुछ सहती रही. चार मई को सुरेंद्र घर वापस लौटा. ग्रामीणों के अनुसार शोभा उस दिन घर में थी, लेकिन उसके अगले दिन से शोभा रहस्यमय तरीके से गायब हो गयी. जब शोभा के भाई शंभु मोची ने शोभा के बारे में ससुराल वालों से पूछताछ की, तो सीधे मुंह उसे किसी तरह का जवाब नहीं दिया गया.
बार-बार पूछे जाने पर लालजी मोची ने कहा कि शोभा की शादी दूसरे जगह भगवलपुर में कर दी गयी है. जब शोभा से संपर्क करने के लिए पता पूछा गया, तो लालजी मोची ने कुछ भी नहीं बताया. इतना ही नहीं, सुरेंद्र से बात भी नहीं करने दिया गया. शंभु मोची ने कहा कि उसे संदेह है कि शोभा की या तो हत्या कर दी गयी है या फिर कहीं दूसरे जगह उसे बेच दिया गया है.
शंभु ने इस मामले से मुखिया गीता देवी को अवगत कराया है. शोभा के रहस्यमय तरीके से गायब होने के पीछे क्या सच है, यह छानबीन के बाद ही पता चल सकेगा. समाचार लिखे जाने तक इस संबंध में मामला दर्ज नहीं किया गया है. लेकिन मुखिया श्रीमती देवी ने इस मामले को लेकर गंभीर है.
उन्होंने कहा कि पूरे मामले की गंभीरता से जांच करायी जायेगी. बताते चलें कि शादी के समय शोभा के घरवालों ने अपने सामथ्र्य के अनुसार दहेज भी दिया था. शंभु के अनुसार 12 हजार नकद, साइकिल व विकलांग पेंशन का कागजात भी दिया गया था.
– संतोष शुक्ला –