धरना में भारतीय आदिम जनजाति परिषद शामिल थेपाटन(पलामू). विभिन्न मांगों को लेकर शुक्रवार को पाटन प्रखंड कार्यालय परिसर में भारतीय आदिम जनजाति परिषद ने धरना दिया. परिषद के सुप्रीमो उमाशंकर बैगा व्यास ने कहा कि शासन-प्रशासन में बैठे लोग आदिम जनजातियों को छल रहे हैं. सरकार द्वारा आदिम जनजातियों के विकास के लिए जो योजना चलायी गयी है, उसका सीधा लाभ नहीं मिल पा रहा है. पदाधिकारी व बिचौलियों के गंठजोड़ के कारण यह स्थिति बनी हुई है. जहां बिरसा मुंडा आवास लंबित है, वहीं वनाधिकार अधिनियम को भी प्रभावी नहीं बनाया जा रहा है. जनवितरण प्रणाली के दुकानदारों द्वारा राशन व केरोसिन की कालाबाजारी की जा रही है, कई ऐसे गरीब आदिम जनजाति हैं, जो बीपीएल की सूची से बाहर हैं. जरूरत है इन्हें लाभ देने की. धरना में वक्ताओं ने कहा कि जिला कल्याण पदाधिकारी द्वारा झूठी रिपोर्ट दी गयी है. पाटन प्रखंड के चेतमा में आदिम जनजाति कॉमन फैसिलिटी सेंटर बनना था, इसके लिए एक साल पहले ही दो लाख रुपये की निकासी कर ली गयी. जिला कल्याण पदाधिकारी ने यह रिपोर्ट दिया कि फांउडेशन का काम पूरा हो गया है. जबकि हकीकत यह है कि अभी तक नीव की खुदाई भी नहीं हुई है. वक्ताओं ने इस मामले की जांच कर कार्रवाई करने की मांग की है. कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की धमकी दी गयी है. धरना के बाद 11 सूत्री मांगपत्र उपायुक्त के नाम बीडीओ को सौंपा गया. धरना में सुग्रीव परहिया, सीताराम यादव, विमला देवी, यशोदा देवी, अनिता देवी, कविता देवी, रेश्मी देवी आदि मौजूद थे.
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11 सूत्री मांगों को लेकर धरना
धरना में भारतीय आदिम जनजाति परिषद शामिल थेपाटन(पलामू). विभिन्न मांगों को लेकर शुक्रवार को पाटन प्रखंड कार्यालय परिसर में भारतीय आदिम जनजाति परिषद ने धरना दिया. परिषद के सुप्रीमो उमाशंकर बैगा व्यास ने कहा कि शासन-प्रशासन में बैठे लोग आदिम जनजातियों को छल रहे हैं. सरकार द्वारा आदिम जनजातियों के विकास के लिए जो योजना […]
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