छतरपुर : पलामू. पापी पेट के लोग क्या-क्या नहीं करते हैं. पेट भरने के लिए लोग खतरों से खेलने में भी नहीं हिचकते हैं. जहानाबाद के मखदुमपुर के पीपरा गांव निवासी दीपक सपेरा इसका अदद उदाहरण है. वह इन दिनों छतरपुर आया हुआ है. वह छतरपुर में जहरीले सांपों के साथ रोटी की जुगाड़ में आया है.
वह अपने कंधे पर सांप की टोकरी लेकर दर-दर भटकता है और लोगों को सांप दिखा कर पैसे इकट्ठे करता है. दीपक ने बताया कि दिन भर भटकने के बाद उसे 100 से लेकर 150 रुपये की आमदनी होती है, जो उसके परिवार चलाने के लिए पर्याप्त नहीं है. लेकिन वह दूसरा कोई काम भी क्या कर सकता है. उसका पुश्तैनी धंधा सांप को दिखाना है. बाप-दादा से एक मात्र पूंजी सांप ही दी जाती है. जिसके सहारे वह अपनी जीवन की इस नैया को पार लगाने के लिए संघर्ष कर रहा है.