मेदिनीनगर : कभी गुलजार रहने वाला बस डिपो आज बदहाली के आंसू बहा रहा है. कहने को तो प्रतिदिन यहां से रांची, पटना, वाराणसी के लिए बसें खुलती हैं, लेकिन डिपो में सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है. डिपो में गंदगी और कीचड़ होने के कारण कोई भी यात्री बस डिपो में आना […]
मेदिनीनगर : कभी गुलजार रहने वाला बस डिपो आज बदहाली के आंसू बहा रहा है. कहने को तो प्रतिदिन यहां से रांची, पटना, वाराणसी के लिए बसें खुलती हैं, लेकिन डिपो में सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है. डिपो में गंदगी और कीचड़ होने के कारण कोई भी यात्री बस डिपो में आना नहीं चाहता है. बस के डिपो से बाहर निकलने पर यात्री उसमें बैठना पसंद करते हैं.
इसके कारण डिपो के बाहर मुख्य मार्ग पर अक्सर जाम लगा रहता है. डिपो में हाल के दिनों में सामुदायिक शौचालय का निर्माण निगम द्वारा कराया गया है. शौचालय के साथ-साथ रैन बसेरा का भी निर्माण हुआ है, लेकिन इसके बाद भी इस बस डिपो की शक्ल नहीं बदली है. बरसात में यह डिपो तालाब का रूप धारण कर लेता है और जब पानी कम होता है तो कीचड़ फैल जाता है, जिससे वहां जाना भी मुश्किल है.
1980 में हुआ था उदघाटन
बात 1980 की है, जब बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री रामसुंदर दास ने सरकारी बस डिपो में बने प्रतीक्षालय का उद्घाटन किया था. कोशिश की गयी थी कि मेदिनीनगर (तब डालटनगंज )के इस बस डिपो को एक नयी शक्ल दी जाये. बिहार राज्य पथ परिवहन निगम के अधीन यह डिपो था. पुराने लोगों की मानें तो जब इंदर सिंह नामधारी बिहार राज्य पथ परिवहन निगम के अध्यक्ष थे, तब इस डिपो की रौनक थी.
रांची, वाराणसी पटना सहित कई जगह के लिए यहां से बसें खुलती थीं. सबका संचालन परिवहन निगम द्वारा किया जाता था. उसके बाद बिहार से झारखंड अलग हुआ. उम्मीद की गयी कि पुन: इस डिपो की रौनक लौटेगी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका.
स्थान के सदुपयोग की बन रही है योजना
मेदिनीनगर के निगम बनने के बाद इस डिपो को निगम में हस्तांतरित किये जाने की कवायद शुरू की गयी है, लेकिन यह कवायद मूर्त रूप नहीं ले सकी. वैसे कहा जा रहा है कि निगम इस स्थान का सदुपयोग करने की योजना बनाने में जुटा है. अभी शहर में बस स्टैंड की कमी है. पुराना बस स्टैंड मोहन सिनेमा हॉल के पास है.
उसकी जगह बसों की संख्या के हिसाब से कम है. डिपो में बसें खड़ी करने का स्थान तो है, पर गंदगी के कारण वहां कोई जाना नहीं चाहता. यही कारण है कि मुख्य मार्ग पर ही अधिकतर लोग खड़े रहते हैं, इस कारण जाम की स्थिति बनी रहती है. बस डिपो में जल जमाव होने का मुख्य कारण यह है कि जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है.