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विद्यार्थी 1676, शिक्षक दो, कैसे होगी पढ़ाई

पाटन : शिक्षा विकास की पहली शर्त है. बिना शिक्षा के विकास की बात करना बेमानी है.लेकिन जब पढ़ने के लिए बच्चे तैयार हो, स्कूल भेजने के लिए अभिभावकों ने संकल्प ले रखा है, तब यदि पढ़ने के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध न हो तो भला दोष किसे दिया जा सकता है. आखिर शिक्षा का […]

पाटन : शिक्षा विकास की पहली शर्त है. बिना शिक्षा के विकास की बात करना बेमानी है.लेकिन जब पढ़ने के लिए बच्चे तैयार हो, स्कूल भेजने के लिए अभिभावकों ने संकल्प ले रखा है, तब यदि पढ़ने के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध न हो तो भला दोष किसे दिया जा सकता है. आखिर शिक्षा का अलख गांवों में कैसे जगेगा. यह सवाल पाटन के किशुनपुर उच्च विद्यालय को देखकर सहज की उठने लगता है.
इस विद्यालय में नामांकित विद्यार्थियों की संख्या 1676 है. उपस्थिति करीब 1000 के आसपास प्रतिदिन होती है. लेकिन यह विडंबना ही है कि बच्चे बगैर पढ़े ही वापस घर की ओर लौट जाते हैं. इस विद्यालय में प्रधानाध्यापिका सहित मात्र दो शिक्षक है. प्रधानाध्यापिका अनिता कुमारी आमतौर पर अपनी कार्यालय के कार्यों में व्यस्त रहती है. इस विद्यालय की एक अन्य शिक्षिका शीला मनोनीत टोप्पनो उपस्थित सभी बच्चों को संभालने में जुटी रहती है.
हालांकि प्रधानाध्यापिका अनिता कुमारी अपनी सूझबुझ से कार्यालय के कार्यों का निबटारा कर क्लास भी लेती है. लेकिन इतने अधिक बच्चों को संभालना किसी के वश की बात नहीं होती है. किसी तरह से बच्चों को संभालने के बाद पढ़ाई की व्यवस्था करायी जाती है. लेकिन यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि इतनी बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित हो, तो भला दो शिक्षिका क्या कर सकेंगी. ऐसी स्थिति पि‍छले कई दिनों से चल रही है.
हाल ही में इस विद्यालय में प्रतिनियोजित शिक्षक हरसु प्रजापति व शकील अहमद यहां से विरमित हो चुके हैं. जब ये दोनों शिक्षक मौजूद थे, तब थोड़ी परेशानी कम होती थी. जैसे ही प्रतिनियोजित शिक्षक यहां से चले गये स्थिति काफी खराब हो गयी है. आंकड़ों पर गौर करें, तो नवीं कक्षा में 550, 10वीं में 522, 11 वीं में 393 और 12 वीं में अब तक नामांकित 209 विद्यार्थी है. विद्यालय में अन्य संसाधनों का भी अभाव है. यहां मात्र दो यूनिट शौचालय है. इस कारण भी विद्यार्थियों को काफी परेशानी होती है. बिजली का कनेक्शन भी अब तक नहीं मिला है. प्रयोगशाला, कंप्यूटर की स्थिति भी ठीक नहीं है.
इस संबंध में पूछे जाने पर विद्यालय के प्रधानाध्यापिक अनिता कुमारी ने बताया कि वस्तु स्थिति से वरीय पदाधिकारी को पूरी तरह से अवगत करा दिया गया है. शिक्षक की कमी अवश्य है. लेकिन पढ़ाई में किसी भी तरह की कोई कमी नहीं रखी जाती है. जहां तक संभव होता है, वह बच्चों को पढ़ाने का काम
करती है.

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