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आंतरिक सुरक्षा में सीआरपीएफ का महत्वपूर्ण योगदान
मेदिनीनगर : शुक्रवार को जीएलए कालेज परिसर स्थित कैंप में सीआरपीएफ का 79 वां स्थापना दिवस मनाया गया. सीआरपीएफ की 134 वीं बटालियन ने स्थापना दिवस के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया.सीआरपीएफ के कमांडेंट अरुणदेव शर्मा ने सीआरपीएफ के स्थापना के उद्देश्यों एवं कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला. कहा कि 1939 में सीआरपीएफ […]
मेदिनीनगर : शुक्रवार को जीएलए कालेज परिसर स्थित कैंप में सीआरपीएफ का 79 वां स्थापना दिवस मनाया गया. सीआरपीएफ की 134 वीं बटालियन ने स्थापना दिवस के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया.सीआरपीएफ के कमांडेंट अरुणदेव शर्मा ने सीआरपीएफ के स्थापना के उद्देश्यों एवं कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला. कहा कि 1939 में सीआरपीएफ की स्थापना एक बटालियन के रूप में मध्य प्रदेश के नीमच में हुआ था.
आजादी के बाद तत्कालीन गृह मंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेल ने इस केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल का नाम दिया व बल को ध्वज प्रदान किया. वर्तमान समय में सीआरपीएफ भारत का ही नही बल्कि विश्व का सबसे बड़ा अर्द्धसैनिक बल है. विश्व के विभिन्न देशों के साथ-साथ देश के सभी क्षेत्रों में सीआरपीएफ की टुकड़ियां तैनात है. देश की आंतरिक सुरक्षा में सीआरपीएफ के जवानों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. उग्रवादियों के विरुद्ध अभियान चलाने, विधि-व्यवस्था संधारण, महत्वपूर्ण स्थानों की सुरक्षा के साथ-साथ देश के महत्वपूर्ण व्यक्तियों की सुरक्षा में सीआरपीएफ के जवानों को तैनात किया जाता है.
उन्होंने सभी जवानों को बधाई दी और सीआरपीएफ की गौरवमयी उपलब्धियों को भविष्य में बनाये रखने दृढ़ संकल्प लिया. स्थापना दिवस के अवसर पर कैंप परिसर में 200 पौधे लगाये गये. इससे पहले कैंपस की सफाई की गयी. सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं वॉलीबॉल प्रतियोगिता हुई. इसमें सीआरपीएफ के जवानों ने बढ़चढ़कर भाग लिया. मौके पर सीआरपीएफ के केके सिंह, सीएमओ टीएम पैते, अरविन्द त्रिपाठी, अनुप कुमार वर्मा सहित कई जवान मौजूद थे.
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