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शिक्षक थे अनुपस्थित, बच्चों की संख्या भी थी कम
मेदिनीनगर : पलामू के जिला शिक्षा अधीक्षक सुशील कुमार ने नौ जुलाई को नावाबाजार के स्तरोन्नत उच्च विद्यालय, उत्क्रमित मध्य विद्यालय मल्लाह टोली, उत्क्रमित मध्य विद्यालय रजदीरिया, विशेष कोटि के आवासीय विद्यालय, उत्क्रमित मध्य विद्यालय पीपरहवा व प्रखंड संसाधन केंद्र नावाबाजार आदि स्कूलों का औचक निरीक्षक किया. डीएसइ श्री कुमार 9.10 बजे नावाबाजार के उत्क्रमित […]
मेदिनीनगर : पलामू के जिला शिक्षा अधीक्षक सुशील कुमार ने नौ जुलाई को नावाबाजार के स्तरोन्नत उच्च विद्यालय, उत्क्रमित मध्य विद्यालय मल्लाह टोली, उत्क्रमित मध्य विद्यालय रजदीरिया, विशेष कोटि के आवासीय विद्यालय, उत्क्रमित मध्य विद्यालय पीपरहवा व प्रखंड संसाधन केंद्र नावाबाजार आदि स्कूलों का औचक निरीक्षक किया. डीएसइ श्री कुमार 9.10 बजे नावाबाजार के उत्क्रमित मध्य विद्यालय मल्लाह टोली पहुंचे. उन्होंने पाया कि विद्यालय संचालित नहीं हो रहा है.
विद्यालय में कुल तीन शिक्षक कार्यरत हैं. पारा शिक्षक सह सचिव दामोदर चौधरी सात जुलाई से बिना सूचना के गायब हैं. विद्यालय के पारा शिक्षिका सुमित्रा देवी चार जुलाई से ज्ञान सेतु के प्रशिक्षण में भाग लेने के लिए प्रतिनियुक्त है. विद्यालय में गंदगी पायी गयी. 44 विद्यार्थी थे. 21 जनवरी 2014 के बाद विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक नहीं हुई है. बच्चों को पुस्तक का वितरण नहीं किया गया है. डीएसइ ने कहा कि स्कूल के सचिव के खिलाफ लगातार शिकायत मिल रही है, जो जांच में सत्य पाया गया.
नावाबाजार उत्क्रमित मध्य विद्यालय रजदीरिया में प्रधानाध्यापक सहित सात शिक्षक कार्यरत है. एक पारा शिक्षक दुर्गेश कुमार पांडेय बिना सूचना से गायब थे. नामांकित 332 विद्यार्थियों में 75 छात्र उपस्थित थे. स्तरोन्नत उच्च विद्यालय में निरीक्षण के दौरान पाया कि प्रधानाध्यापक अशोक कुमार टूटी गायब है. उपस्थिति पंजी में अवकाश दर्ज, लेकिन अभ्यावेदन नहीं है. सहायक शिक्षक राजेश्वर सिंह भी अनुपस्थित थे. आकस्मिक अवकाश का आवेदन लगाया गया, लेकिन अवकाश स्वीकृत नहीं किया गया है. डीएसइ सुशील कुमार ने कहा कि इस विद्यालय में 11 शिक्षक कार्यरत है. जिसमें प्रधानाध्यापक सहित छह शिक्षक सरकारी व पांच पारा शिक्षक कार्यरत है. नामांकित 379 बच्चों में मात्र 122 उपस्थित थे.
डीएसइ ने कहा कि अवकाश पंजी, रूटीन आदि संधारित नहीं की गयी है. उन्होंने कहा कि प्रधानाध्यापक अशोक कुमार टूटी लगातार बहनाकर बनाकर विद्यालय से अनुपस्थित रहते हैं. विद्यालय संचालन के प्रति सजग नहीं है. उत्क्रमित मध्य विद्यालय पीपरहवा, नावाबाजार में नामांकित छात्रों की संख्या 104 की जगह 40 उपस्थित थे. मध्याह्न भोजन में चावल, दाल, सब्जी बनाया जा रहा था. एक शिक्षक रंजीत कुमार जायसवाल मौजूद थे. विशेष कोटि का आवासीय विद्यालय पीपरहवा में 11.30 बजे निरीक्षण किया. विद्यालय में कुल नामांकित बच्चे 99 हैं, जिसमें 75 उपस्थित पाये गये. विद्यालय में कुल पांच शिक्षक, एक लेखापाल कार्यरत है. विद्यालय में शौचालय निर्माणाधीन है, जिसके कारण बच्चों को कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है. तत्काल ठीक कराने का निर्देश प्रधानाध्यापक को दिया गया है.
निजी विद्यालयों से नामांकित बीपीएल बच्चों की सूची मांगी
पलामू डीएसइ सुशील कुमार ने नगर निगम क्षेत्र में संचालित मान्यता प्राप्त व गैर सहायता प्राप्त निजी विद्यालयों को निर्देश दिया है कि प्रवेश कक्षा में पड़ोस के अभिवंचित समूह और कमजोर वर्ग के न्यूनतम 25 प्रतिशत बच्चों को नियमानुसार प्रवेश दिया जाना है. डीएसइ ने कहा कि पूर्व में भी कई बार इससे संबंधित प्रतिवेदन मांगी गयी है, जो अभी तक अप्राप्त है. डीएसइ कार्यालय ने संबंधित विद्यालयों को पत्र भेजा है, जिसके बाद भी इस दिशा में विद्यालय प्रबंधन द्वारा रिपोर्ट नहीं दी गयी है. बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के तहत इसका अनुपालन करना है. 28 जून 2018 के पत्रांक 845 में स्पष्ट आदेश दिया गया था कि पत्र प्राप्ति के 24 घंटे के अंदर उपरोक्त आशय का अद्यतन प्रतिवेदन विहित प्रपत्र में भरकर डीएसइ कार्यालय में उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे, अन्यथा बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 12 (1) ग का उल्लंघन करने संबंधी प्रतिवदेन निदेशक प्राथमिक शिक्षा को भेज दी जायेगी. निगम क्षेत्र के हमीदगंज के सरस्वती शिशु मंदिर, एमकेडीएवी पब्लिक स्कूल, हेरिटेज इंटरनेशनल स्कूल, रोटरी पब्लिक स्कूल चैनपुर, विमला पांडेय मेमोरियल ज्ञान निकेतन बैरिया, ब्राइट लैंड पब्लिक स्कूल, बाइपास रोड मेदिनीनगर, एलिट पब्लिक स्कूल चियांकी, ज्ञान मंदिर आवासीय विद्यालय बैरिया, बाल भारती पब्लिक स्कूल पांकी रोड, ग्रीन वैली पब्लिक स्कूल पांकी रोड, संत मरियम पब्लिक स्कूल नावाटोली, आदित्य बिडला पब्लिक स्कूल रेहला, विश्रामपुर को इससे संबंधित पत्र भेजा जा चुका है. नये सत्र में नामांकित बच्चों में 25 प्रतिशत (बीपीएल) कमजोर वर्ग के बच्चों से संबंधित नामांकन की सूची मांगी गयी है. इसके बाद भी डीएसइ कार्यालय को रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है.
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