मेदिनीनगर : कहते हैं, अगर हौसला बुलंद हो और खुले आसमान में उड़ने की चाहत हो तो पूरी कायनात उसे पूरा करने में लग जाता है. कुछ ऐसी ही कहानी है गढ़वा और पलामू के कुछ युवा व उनकी कंपनी स्मार्टेक की. इन युवाओं ने कुछ अलग करने की ठानी और लगन व मेहनत से अपने सपनों को साकार किया. करीब चार साल पहले गढ़वा के रंकाराज निवासी निर्मला तिवारी व स्वर्गीय सुरेंद्र तिवारी के पुत्र अविनाश तिवारी जब ग्रेटर नोएडा के यूनाइटेड कॉलेज से बी.टेक और बैंकॉक से एआइटी ट्रेनिंग कर लौटे तो उनके मन में नौकरी न करके कुछ अलग करने की इच्छा थी.
इस इच्छा को तब और ताकत मिली जब उन्हें मेदिनीनगर के कांदू मुहल्ला की ज्योति प्रिया का साथ मिला. दोनों टेक्नॉलजी के क्षेत्र में कुछ नया करना चाहते थे. इसी चाहत ने सबसे पहले एपीडीसीएस कोचिंग सेंटर की नींव रखी जहां उनकी मुलाकात मिदुल गोस्वामी व प्रज्ज्वल सिन्हा से हुई. जब अविनाश व ज्योति ने उन्हें अपने सपनों के बारे में बताया तो मिदुल व प्रज्ज्वल भी उसमे शामिल हो गए. देखते ही देखते स्मार्टेक कंपनी का गठन हुआ और वर्कशॉप के जरिये देश में डिजिटल शिक्षा का अलख जगाने का सिलसिला शुरू हो गया.
अविनाश बताते हैंकि आज स्मार्टेक का हेड ऑफिस दिल्ली के साकेत बिहार में है जहां से पूरे देश में लोगों को ऑफलाइन व ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. वे कहते हैं स्मार्टेक की खास तकनीक है इनोवेशन बेस्ड लर्निंग जिससे लोगों को कुछ भी सीखना काफी आसान लगता है. उन्होंने बताया की डॉली रानी, आशीष भार्गव, जितेंद्र, अनुज आदि युवाओं की मदद से पलामू में स्मार्टेक का ब्रांच ऑफिस खोला गया है. अब ये युवा पलामू में भी लोगों को डिजिटल क्षेत्र में कुशल और कौशल बनाने में जुटे हुए हैं.