तरहसी (पलामू) : पांकी थाना के तेतराई निवासी धर्मेद्र सिंह ने कुछ रुपये के लालच में अपनी पत्नी रीमा देवी को बेच दिया. अपनी सूझबूझ से रीमा जिसके पास बेची गयी थी, उनके चंगुल से बच गयी. लेकिन उसे अपने मायके लौटने में करीब तीन वर्षो का समय लगा. सेसा,स्वधान स्वयंसेवी संस्था के प्रयास से रीमा को गांव लाया गया. थाना प्रभारी अखिलेश कुमार की उपस्थिति में रीमा को उसके मायके वालों को सौंप दिया गया.
जानकारी के अनुसार 2011 में तरहसी थाना क्षेत्र के बजलपुर निवासी धर्मदेव सिंह की पुत्री रीमा का विवाह पांकी के तेतरांई निवासी धर्मेद्र सिंह के साथ हुआ था. धर्मेद्र रीमा को घुमाने का बहाना कर रांची ले गया और उसे दो लोगों के हाथ बेच दिया. अज्ञात लोगों के साथ वह हावड़ा स्टेशन उतरी. उसका पति धमेंद्र बीच में ही उतर गया था. अपने पति को हावड़ा स्टेशन पर नहीं देख कर और दो अज्ञात लोगों के साथ देख किसी अनहोनी की आशंका से रीमा ने शोर मचाना शुरू कर दिया.
इसके बाद दोनों अज्ञात युवक वहां से फरार हो गये. बाद में पुलिस द्वारा एसएमएम लिलुआहोम भेज दिया गया. जहां गुमशुदा व असहाय महिलाओं को रखा जाता है. 2014 में सेसा संस्था का संपर्क लिलुआहोम से हुआ, जिसके बाद संस्था के परियोजना प्रबंधक संतोष कुमार द्वारा रीमा को मेदिनीनगर के स्वधार होम लाया गया. बाद में रीमा से पूछताछ कर उसके माता-पिता को सूचना दी गयी, जिसके बाद 10 मई को तरहसी थाना प्रभारी की उपस्थिति में रीमा को उसके पिता धर्मदेव सिंह को सौंप दिया गया.