मेदिनीनगर : निरंतर पुलिसिया कार्रवाई से कमजोर हो रहे अपराधिक गिरोह के लोग भी अब गंठजोड़ करने लगे हैं. ताकि गिरोह का वर्चस्व कायम रहे. पलामू व गढ़वा में कुख्यात अपराधी विकास दुबे ने गढ़वा व पलामू में अपना वर्चस्व बनाये रखने के लिए बंधु शुक्ला गिरोह का सहारा लिया है. विकास दुबे और बंधु शुक्ला गिरोह ने गंठजोड़ कर लिया है. गंठजोड़ कर अब यह गिरोह काम कर रहा है. पलामू पुलिस ने इस गिरोह पर नकेल कसने के लिए रणनीति तैयार कर ली है.
चैनपुर थाना क्षेत्र के शाहपुर में अग्रवाल कंस्ट्रक्शन व लेस्लीगंज थाना क्षेत्र के बसौरा में चल रहे इंजीनियरिंग कॉलेज के निर्माण में लगे अरविंद कल्याणी कंस्ट्रक्शन पर गोली चालन की जो घटना हुई. घटना के बाद पुलिसिया अनुसंधान में जो तथ्य उभर कर सामने आये हैं, उसके मुताबिक पूर्व में बंधु शुक्ला खुद अकेले अपने गिरोह का संचालन करना चाहता था. इसे लेकर उसने पूर्व में मेदिनीनगर में घटना को अंजाम देने की कोशिश की थी. लेकिन उसके घटना को अंजाम देने के पहले ही पुलिस सक्रियता के कारण उसकी योजना विफल हो गयी थी. ऐसे में अपराधी बंधु शुक्ला परेशान था.
वहीं कुख्यात अपराधी विकास दुबे को भी पलामू में अपने गिरोह के विस्तार के लिए कोई ऐसा व्यक्ति था, जिसका दबदबा हो और वह दहशत फैलाने के लिए किसी भी घटना को अंजाम देने के लिए तैयार रहे. दोनों गिरोह ने मिल कर पलामू व गढ़वा में घटना को अंजाम दिया है. पुलिस सूत्रों की माने तो दोनों गिरोहों के बीच गंठजोड़ है. इसके पुख्ता प्रमाण पुलिस को मिले हैं. इसके आधार पर पुलिस ने अपराधी विकास दुबे व बंधु शुक्ला गिरोह से निबटने के लिए रणनीति तैयार कर ली है. पुलिस उपाधीक्षक प्रेमनाथ की माने तो पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत माहथा के दिशा निर्देशन में पूरी कार्य योजना तैयार की है कि कैसे इस गिरोह पर नकेल कसा जाये. जहां तक लेस्लीगंज के बसौरा व चैनपुर के शाहपुर में गोली चालन का मामला है, वह विशुद्ध रूप से रंगदारी के लिए है. गोली चालन कर इस गिरोह ने दहशत फैलाने की कोशिश की है.