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पलामू : मारे गये नक्सली की हुई शिनाख्त
मामला पुलिस व माओवादियों के बीच मुठभेड़ का, शुक्रवार को भी जारी रहा सर्च अभियान एक सब जोनल कमांडर के पकड़े जाने की चर्चा महेश भोक्ता के रूप में हुई है पहचान मेदिनीनगर/नौडीहा : पुलिस को यह सूचना थी कि राकेश भुइयां,विमल का दस्ता बिहार से लौट रहा है. इस सूचना के आधार पर पुलिस […]
मामला पुलिस व माओवादियों के बीच मुठभेड़ का, शुक्रवार को भी जारी रहा सर्च अभियान
एक सब जोनल कमांडर के पकड़े जाने की चर्चा
महेश भोक्ता के रूप में हुई है पहचान
मेदिनीनगर/नौडीहा : पुलिस को यह सूचना थी कि राकेश भुइयां,विमल का दस्ता बिहार से लौट रहा है. इस सूचना के आधार पर पुलिस ने माओवादियों की घेराबंदी करने की योजना तैयार की. राकेश भुइयां और विमल का दस्ता जहां रुका था.
वह पहाड़ी नौडीहा के कउवाखोह व पाटन के चेतमा के बुढ़ीबुका गांव के बीच में स्थित झुनझुना पहाड़ी है. यह पहाड़ी नक्सलियों के लिए सेफ जोन माना जाता है, लेकिन माओवादियों को यह एहसास नहीं था कि पुलिस यहां पहुंच जायेगी, लेकिन उनलोगों को जैसे ही यह भनक मिली कि पुलिस यहां पहुंच चुकी है, तो उग्रवादी अपने बचाव में गोली चलाना शुरू कर दिये. पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की. गुरुवार की मुठभेड़ की घटना के बाद शुक्रवार को भी पलामू के पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत माहथा के नेतृत्व में इलाके की घेराबंदी कर सर्च अभियान चलाया जा रहा है.
गुरुवार को मुठभेड़ में जो उग्रवादी मारा गया था, उसकी शिनाख्त महेश भोक्ता के रूप में की गयी. जबकि घायल महिला उग्रवादी का नाम मंजू कुमारी है. उसने पुलिस के समक्ष जो बयान दिया है, उसके मुताबिक दस्ते में पांच महिलाएं भी शामिल थीं. जब पुलिस का दबाव बढ़ने लगा, तो वे लोग किसी तरह भागे. एसपी श्री माहथा की मानें, तो झुनझुना पहाड़ी को माओवादी अपने सेफ जोन के रूप में चिह्नित कर रखा था. इसलिए वैसे इलाके को नक्सलियों से मुक्त कराने के लिए अभियान तेज कर दिया गया है.
उन्होंने बताया कि सर्च अभियान के दौरान पुलिस को माओवादियों का दो राइफल, छह देशी पिस्तौल, चार पिट्ठू, नक्सली साहित्य आदि मिला है. पुलिस को माओवादियों की एक डायरी भी मिली है. जिसमें लेवी का लेखा-जोखा है. पुलिस इसका अध्ययन करेगी. यह देखा जायेगा कि डायरी में लेवी दाताओं के जो नाम है उसमें कितनी सत्यता है. सत्यापन के बाद साक्ष्य मिलने पर लेवी दाताओं पर भी कार्रवाई संभव है, क्योंकि यह भी देखा जायेगा कि जो लेवी दाता है उनके कैसे रिश्ते माओवादियों के साथ है. विकास कार्यों में कोई गतिरोध न आये, इसके लिए जरूरत पड़ने पर पुलिस द्वारा सुरक्षा भी उपलब्ध करायी जा रही है.
उग्रवाद प्रभावित इलाकों में सुरक्षा का माहौल कायम रहे, इसके लिए पुलिस सक्रियता के साथ लगी है. इसके बाद भी यदि माओवादियों को कोई लेवी दे रहा है, तो निश्चित तौर पर यह गंभीर मामला है. न सिर्फ नौडीहा बल्कि पलामू के वैसे इलाके जो नक्सलियों के लिए सेफ जोन माना जाता था उन इलाकों में अॉपरेशन तेज कर दिया गया है.
मालूम हो कि इन दिनों बिहार से सटे नौडीहा इलाके में माओवादियों की सक्रियता बढ़ने की सूचना थी, इसलिए पुलिस पूरी सक्रियता के साथ लगी थी. इन इलाकों में पिकेट की स्थापना के बाद माओवादी कमजोर पड़े है.
इसलिए अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए माओवादी यहां घटना को अंजाम देना चाहते थे. इसके लिए एक स्कूल परिसर में उनलोगों ने बम भी छुपा कर रखा था. जिसे पुलिस ने बरामद कर निष्क्रिय किया था. उसके दो दिनों के बाद झुनझुना पहाड़ी पर मुठभेड़ की घटना हुई है. एक तरफ जहां नौडीहा में पुलिस पिकेट की स्थापना हुई है. वहीं बुढ़ीबुक्का के विकास के लिए भी पहल तेज की गयी है. गांव जाने वाली सड़क का निर्माण हो रहा है.
पुलिस ने लेवी की राशि के साथ सब जोनल कमांडर राजेश यादव को पकड़ा है. इसकी चर्चा है. यद्यपि पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है, लेकिन जो चर्चा है उसके मुताबिक सर्च अभियान के दौरान पुलिस ने सब जोनल कमांडर को पकड़ा है. उससे पूछताछ की जा रही है.
बताया जा रहा है कि गुरुवार को झुनझुना पहाड़ी के पास पुलिस व माओवादी के बीच जो मुठभेड़ की घटना हुई उसमें राजेश यादव भी शामिल था. उसे भी इस घटना में चोट लगी है. पुलिस इस बात का पता लगाने में जुटी है कि इस घटना में और कोई उग्रवादी तो घायल नहीं हुआ है. यदि घायल हुआ है, तो उसके बाद जिन संभावित स्थानों पर वह इलाज करा सकता है वहां पर भी पुलिस की नजर है. क्योंकि पुलिस के पास जो सूचना है उसके मुताबिक मुठभेड़ की घटना में कई उग्रवादी घायल भी हुए हैं.
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