मेदिनीनगर : मेदिनीनगर नगर पर्षद अब प्रमोट होकर नगर निगम हो चुका है. इस बार नगर निकाय का चुनाव दलीय आधार पर होना है. बात अगर पलामू की हो, तो इसे झारखंड की राजनीतिक राजधानी के रूप में देखा जाता है. इस दृष्टिकोण से बात की जाये तो निगम चुनाव भी राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी अहम है. निगम के चुनाव में टिकट बंटवारे से लेकर परिणाम तक कई लोगों के राजनीतिक सेहत पर असर भी डाल सकता है. इससे यह भी पता चलेगा कि किस स्तर पर किसका कितना पकड़ है. यह भी इस चुनाव में सामने आ जायेगा.
सांगठनिक राजनीति से लेकर फिल्ड की पकड़ का भी एहसास यह चुनाव करा देगा. इसलिए अभी से ही चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गयी है. संभावित उम्मीदवार भी सक्रियता के साथ लगे है. लेकिन सबसे अहम सवाल टिकट को लेकर है. टिकट के मामले में बाजी कौन मारेगा, यह देखना दिलचस्प होगा. भाजपा और कांग्रेस के साथ-साथ राजद, झामुमो व अन्य पार्टी भी सक्रिय है. कहा जा रहा है कि चुनाव में जो भी राजनीतिक पार्टियां है, वह सामाजिक समीकरण को ध्यान में रखेगी. क्योंकि इस निकाय चुनाव के बाद लोकसभा व विधानसभा चुनाव भी होने है. इसलिए जो प्रमुख राजनीतिक दल है, वह नहीं चाहेगा कि उम्मीदवार चयन के मामले में कुछ ऐसा हो, जिससे कोई भी वर्ग उससे नाराज हो. इसलिए सामाजिक समीकरणों पर भी जोर दिया जा रहा है.
जहां तक उम्मीदवारी का सवाल है, तो जो उम्मीदवार टिकट लेने में सफल होंगे, उसी सूची से सांगठनिक स्तर पर किसकी कितनी पकड़ है. इसका भी खुलासा होगा. परिणाम के बाद फिल्ड की पकड़ की भी जानकारी हो जायेगी. इसलिए भाजपा, कांग्रेस इस मामले में कोई चूक नहीं करना चाहती. इसलिए कार्यकर्ताओं से रायशुमारी हो रही है. जमीनी हकीकत को भी जाना जा रहा है. अभी तक की जो स्थिति है, उसे देख कर यह कहा जा सकता है कि अभी टिकट की दौड़ में जो खुद को आगे बता रहे हैं. संभव है कि आने वाले कल में वह पीछे भी हो जाये. इसलिए अभी जो कुछ भी कयास लगाये जा रहे हैं, वह भी गलत हो सकता है. बरहाल मामला चाहे जो कुछ भी हो निगम के चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गयी है.