इस बीच सूचना मिलने के बाद पुलिस अस्पताल पहुंची और उसे गिरफ्तार कर लिया. पुलिस की निगरानी में ही उसे बेहतर इलाज के लिए रिम्स ले जाया गया है. पलामू के पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत माहथा ने बताया कि चतुर्थवर्गीय कर्मचारी की लिखित परीक्षा में गड़बड़ी का जो मामला हुआ है उसके जांच के क्रम में पुलिस को जो तथ्य मिले उसके मुताबिक सर्वशिक्षा अभियान कर्मी सुनील सिंह ने स्थानीय स्तर पर काफी अहम भूमिका अदा की थी. वह रांची के रूपेश सिंह से जुड़ा हुआ था और उसके कहने पर स्थानीय स्तर पर उसने कई अभ्यर्थियों का संपर्क रूपेश सिंह से कराया था. स्थानीय स्तर पर सुनील सिंह ने काफी सक्रिय भूमिका निभायी थी. पुलिस को उसके खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मिले थे, जिसके आधार पर पुलिस उसे खोजने गयी थी. पुलिस बुधवार की रात खाली हाथ वापस लौट गयी थी. गुरुवार की सुबह यह पता चला कि वह घायल होकर सदर अस्पताल में इलाजरत है. एसपी श्री माहथा ने बताया कि पलामू में इस खेल में और कौन लोग शामिल है, इसके बारे में भी पुलिस को पूरी जानकारी मिल गयी है. लक्ष्य कोचिंग सेंटर के निदेशक रवि किशोर को पकड़े जाने के बाद और कई अहम राज खुलेंगे. पुलिस का कहना है कि फिलहाल आरोपी सुनील सिंह का इलाज हो रहा है. उसके स्वस्थ होने के बाद इस मामले में पूछताछ की जायेगी.मालूम हो कि पलामू में चतुर्थवर्गीय कर्मचारी नियुक्ति के लिए लिखित परीक्षा पांच नवंबर को आहूत की गयी थी. इस परीक्षा के दौरान एक रैकेट ने प्रश्न पत्र का प्रारूप पहले ही अभ्यर्थियों को बता दिया था.
आनेवाले सवाल का जवाब रटा दिया गया था, जिसके कारण कई अभ्यर्थियों को बेहतर अंक मिले थे. इस तरह की चर्चा आने के बाद उपायुक्त अमीत कुमार ने पूरे मामले को पकड़ने के लिए काउंसलिंग आहूत की थी. इस दौरान 59 अभ्यर्थी पकड़े गये. पटना,रांची का भी लिंक पकड़ा गया. रांची से रूपेश सिंह की गिरफ्तारी भी हुई है. उसके बाद सुनील सिंह पकड़े गये.