गोपी कुंवर
लोहरदगा : लोहरदगा जिला का पेशरार इलाका जो उग्रवादियों के खौफ के लिए जाना जाता था, आज उस इलाके की तसवीर बदल रही है. पेशरार इलाका वो इलाका है, जहां चार अक्तूबर 2000 को उग्रवादियों ने लोहरदगा के उस समय के एसपी अजय कुमार सिंह की हत्या कर दी थी.
इस घटना के बाद पेशरार इलाके में विकास की गति ठप हो गयी थी. विकास के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च तो किये गये,लेकिन धरातल पर कोई काम नहीं हुआ. उग्रवादियों की गतिविधियां जरूर बढ़ गयी और यह क्षेत्र लगातार बदनाम होता चला गया. जिला प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों ने पेशरार एक्सन प्लान के लिए पहल की और सरकार ने पेशरार एक्सन प्लान की स्वीकृति दी. इसका काम भी धरातल पर शुरू हो गया है और पेशरार में प्रखंड एवं अंचल कार्यालय के निर्माण की स्वीकृति प्राप्त है, लेकिन वन विभाग द्वारा एनओसी नहीं मिलने के कारण इसका काम शुरू नहीं हुआ है.
लेकिन प्रखंड स्तरीय अधिकारियों के लिए आवास का निर्माण कार्य तेजी से हो रहा है. चौड़ी सड़क का निर्माण कार्य एवं रास्ते में पड़ने वाले पुल-पुलिया का निर्माण तेजी से किया जा रहा है. एक वर्ष के अंदर सड़क का निर्माण कार्य जब पूरा हो जायेगा, तो पेशरार इलाके की खूबसूरती में चार चांद लग जायेगी. जिला मुख्यालय से लगभग 40 किमी दूर पहाड़ पर बसे पेशरार इलाके में कई मनोरम दृश्य हैं, जो किसी का भी मन मोह लेते हैं. कलकल करते झरने एवं नदियां यहां की सुंदरता में चार चांद लगाती है. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पेशरार का दौरा किया था और पेशरार के 56 गांवों में बिजली देने की घोषणा की थी. इस घोषणा पर काम भी शुरू हो चुका है. राज्य की मुख्य सचिव राजबाला वर्मा खुद पेशरार में रूचि ले रही हैं. जिस पुलिस अधीक्षक की हत्या उग्रवादियों ने पेशरार में की थी, उनकी प्रतिमा आज पेशरार ओपी में लगी हुई है. पेशरार में ओपी बना कर उग्रवादियों पर नकेल कसा जा रहा है. पुलिस अधीक्षक कार्तिक एस ने मॉनसून पेशरार के नाम से इस क्षेत्र के पर्यटन स्थलों को विकसित करने के काम लगे हैं.
उपायुक्त विनोद कुमार ने अपने एक माह के कार्यकाल में दो बार पेशरार इलाके का दौरा कर वहां विकास की गति को तेज करने का निर्देश अधिकारियों को दिया और ग्रामीणों के साथ सीधा संवाद किया है. पेशरार इलाके विकास को लेकर जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों एवं आम लोगों में भी उत्साह है. पेशरार की तसवीर और तकदीर दोनों बदल रही है. उग्रवादियों के काले कारनामों से उस इलाके की जनता रूबरू हो चुकी है और अब सभी शांति और विकास चाहते हैं. इलाके के विकास में उस क्षेत्र की जनता की भूमिका सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है.