– गोपी कुंवर –
न विज्ञापन निकाला, न डीसी का अनुमोदन
लोहरदगा : जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीइओ) मजीद अहमद ने अपनी सेवानिवृत्ति के दिन 31 जनवरी 2014 को 12 लोगों की नियुक्ति कर दी. बीआरपी, सीआरपी के छह पद समेत कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में तीन शिक्षिका, एक पारा शिक्षक और भंडरा व किस्को के दो मॉडल स्कूलों में दो शिक्षकों की नियुक्ति कर दी. इसके लिए न तो कोई विज्ञापन प्रकाशित किया गया और न ही उपायुक्त से इसका अनुमोदन कराया गया.
राज्य परियोजना का स्पष्ट निर्देश है कि बीआरपी-सीआरपी की बहाली नहीं करनी है. जब इसकी जानकारी डीसी सुधांशु भूषण बरवार को हुई, तो उन्होंने डीइओ को कड़ी फटकार लगायी. नियम विरुद्ध की गयी नियुक्तियों को रद्द करने का निर्देश दिया. इसके बाद मजीद अहमद ने दूसरे दिन दफ्तर आकर बैक डेट से 10 नियुक्तियों को तो रद्द कर दिया, लेकिन दो नियुक्तियों को बहाल रखा. मालूम हो कि 21 दिसंबर को डीएसइ के स्थानांतरण के बाद डीइओ को ही उनका प्रभार दिया गया था.
पत्र कंप्यूटर सेंटर से टाइप कराया : डीइओ मजीद अहमद ने नियुक्ति से संबंधित पत्र एक कंप्यूटर सेंटर से टाइप कराया. विभागीय कर्मियों को इसकी सूचना नहीं थी. पत्र निर्गत पंजी में भी खुद पत्रांक व दिनांक चढ़ाया. 31 जनवरी को सेवानिवृत्ति के दिन 28 व 30 जनवरी की तिथि से सारे नियुक्ति पत्र निकाले गये.
पैसे के खेल की चर्चा : सूत्रों के मुताबिक, 12 लोगों की नियुक्ति में लगभग छह लाख रुपये का खेल होने की चर्चा है. डीइओ 31 जनवरी को देर रात तक कार्यालय में बैठ कर पत्रों पर हस्ताक्षर करते रहे. कार्यालय में ही खाने-पीने की भी व्यवस्था की गयी थी.
रिटायर होने के बाद भी कार्यालय आये डीइओ
सेवानिवृत्ति के बाद एक फरवरी को भी मजीद अहमद अपने कार्यालय में आये और बैक डेट 31 जनवरी की तिथि से नियुक्तियां रद्द करने का पत्र निकाला. सेवानिवृत्ति के बाद कार्यालय में बैठने पर उन्हें देखने बड़ी संख्या में शिक्षा विभाग के लोग पहुंच गये थे.