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308 प्रगणक देखेंगे कार्य

30 दिन तक चलेगी आर्थिक गणना लोहरदगा : लोहरदगा जिला में छठी आर्थिक गणना का शुभारंभ 18 अक्टूबर को किया जायेगा. इसकी तैयारी पूरी कर ली गयी है. डीसी सुधांशु भूषण बरवार ने बताया कि आर्थिक गणना 30 दिनों तक चलेगी. इस कार्य में सरकारी कर्मचारियों तथा आउटसोर्सिग से विद्यार्थियों को प्रगणक, पर्यवेक्षक के रूप […]

30 दिन तक चलेगी आर्थिक गणना

लोहरदगा : लोहरदगा जिला में छठी आर्थिक गणना का शुभारंभ 18 अक्टूबर को किया जायेगा. इसकी तैयारी पूरी कर ली गयी है. डीसी सुधांशु भूषण बरवार ने बताया कि आर्थिक गणना 30 दिनों तक चलेगी. इस कार्य में सरकारी कर्मचारियों तथा आउटसोर्सिग से विद्यार्थियों को प्रगणक, पर्यवेक्षक के रूप में कार्य करने हेतु लगाया गया है.

डीसी ने बताया कि आर्थिक गणना देश की भौगोलिक सीमाओं के अंतर्गत स्थित सभी उद्यमों, इकाइयों की संपूर्ण गणना है. भारत सरकार के सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रलय के अंतर्गत केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा अभी तक पांच आर्थिक गणना का कार्य पूर्ण किया गया है.

प्रथम आर्थिक गणना वर्ष 1977 में की गयी थी. उपायुक्त श्री बरवार ने बताया कि छठी आर्थिक गणना 2012 का कार्य झारखंड राज्य में 18 अक्टूबर से 16 नवंबर तक कुल 30 दिनों तक चलेगी.

इस बार उक्त गणना में शिक्षकों को नहीं लगाया गया है. आर्थिक गणना में कृषि उद्यम तथा गैर कृषि उद्यम की गणना की जायेगी. फसल उत्पादन एवं बागवानी यद्यपि कृषि उद्यम है, लेकिन इन्हें आर्थिक गणना से बाहर रखा गया है. आर्थिक गणना में समस्त वैध आर्थिक गतिविधियां जैसे फुटपाथ पर अंडाचना आदि बेचने वाले से लेकर बड़ीबड़ी फैक्टरियों को भी शामिल किया जाना है.

हथकरघा, हस्तशिल्प के कलाकारों के अर्थव्यवस्था में बढ़ते योगदान के कारण आर्थिक गणना में इसकी पृथक जानकारी की व्यवस्था की गयी है. जिस उद्यम में आठ या उससे अधिक कर्मी कार्यरत हैं. उस उद्यम हेतु अनुसूची-6सी भरा जाना है. जिससे बाद में बिजनेस रजिस्टर तैयार किया जायेगा.

उपायुक्त ने बताया कि उद्यमों की पहचान विभिन्न संरचनाओं, भवनों तथा परिवारों में जाकर पूछताछ कर प्रगणकों द्वारा सूचीबद्ध किया जायेगा. बताया कि निम्न उद्यम आर्थिक गणना की परिधि से बाहर रखे गये हैं.

अंतरराष्ट्रीय गतिविधियां एवं उनकी एजेंसी इस गणना से बाहर हैं. इसी तरह विदेशी नागरिकों के परिवार, सेना या अर्धसैनिक छावनियां, बेघर परिवार, अनाथालय, नारी निकेतन आदि आर्थिक गणना में सूचीबद्ध नहीं किये जायेंगे. आर्थिक गणना हेतु कुल आठ चार्ज बनाया गया है.

ग्रामीण चार्ज के चार्ज पदाधिकारी सह प्रखंड विकास पदाधिकारी तथा शहरी चार्ज के चार्ज पदाधिकारी सह कार्यपालक पदाधिकारी नगर पर्षद लोहरदगा हैं. डीसी श्री बरवार ने बताया कि जनगणना 2011 में बनाये गये प्रगणक ब्लॉक को आधार मान कर आर्थिक गणना कार्य किया जाना है.

उस समय जिला अंतर्गत कुल 916 खंड हैं. इसमें एक प्रगणक को तीन प्रगणक खंड का कार्य दिया गया है. इस प्रकार कुल वास्तविक कार्यरत प्रगणकों की संख्या 308 है तथा 32 प्रगणक आरक्षित रखे गये हैं. छह प्रगणक खंड को मिला कर एक पर्यवेक्षी सर्कल बनाया गया है.

इसके अनुसार कुल 152 पर्यवेक्षी सर्कल है. एक पर्यवेक्षक को दो पर्यवेक्षी सर्कल का कार्य सौंपा गया है. इस प्रकार कुल वास्तविक कार्यरत पर्यवेक्षकों की संख्या 76 हैं तथा नौ पर्यवेक्षक आरक्षित रखे गये हैं. उपायुक्त ने बताया कि आर्थिक गणना अवधि में प्रगणक अपनेअपने क्षेत्र के प्रत्येक घर में जायेंगे तथा परिवार के मुखिया से संपर्क कर सरल भाषा में उद्यमों की जानकारी सबसे प्राप्त करेंगे.

छह अनुसूची में सूचना संकलित करेंगे. इस प्रकार से प्राप्त आंकड़ा से देश की अर्थव्यवस्था में विभिन्न क्षेत्रों के योगदान की जानकारी तथा योजना बनाने में मदद मिलेगी.

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