कुड़ू (लोहरदगा) : कुड़ू एवं चंदवा थाना की सीमा पर चंदवा थाना क्षेत्र के अमझरिया, हेंसला, मड़मा, हुरबहार, हेसालौंग, बेलगा इलाके में उग्रवादी संगठनों की चहल कदमी से इस बात की आशंका प्रबल हो गयी है कि कभी भी भाकपा (माओवादी) एवं टीएसपीसी के बीच वर्चस्व को लेकर भिड़ंत हो सकती है.
पुलिस प्रशासन भी इसे लेकर सर्तक है. मिली जानकारी के अनुसार 29 जुलाई को चंदवा थाना क्षेत्र के मडमा जंगल में भाकपा (माओवादी) एवं टीएसपीसी उग्रवादी संगठन के बीच मुठभेड़ हुई थी. इस भिड़ंत में कोई हताहत तो नहीं हुआ था, लेकिन माओवादियों को मुंह की खानी पड़ी थी.
तीन माओवादियों को टीएसपीसी ने बंधक भी बनाया था. इसके बाद तीन जुलाई को टीएसपीसी ने तीनों को संगठन में शामिल नहीं होने की चेतावनी देकर छोड़ दिया था. इस घटना से माओवादी काफी बौखलाये हुए है. सूत्रों के अनुसार 29 जुलाई को जब मुठभेड़ हुई, तब माओवादी दस्ते का नेतृत्व मुनेश्वरजी कर रहे थे.
सूत्रों के अनुसार टीएसपीसी का दस्ता चंदवा के जंगलों में ठहरा हुआ है. टीएसपीसी से बदला लेने के लिए भाकपा (माओवादी) के सब जोनल कमांडर रवींद्रजी अपनी टीम के साथ मुनेश्वर जी के दस्ते से मिल गये हैं. इससे दस्ते को मजबूती मिल गयी है.
जानकारी के अनुसार क्षेत्र में वर्चस्व कायम रखने के लिए टीएसपीसी संगठन पर जवाबी हमला करने की तैयारी में जुटा हुआ है. दोनों संगठनों के बीच हाल के दिनों में लातेहार, चतरा एवं मेदिनीनगर जिले के विभिन्न इलाकों में दर्जन भर बार भिड़ंत हो चुकी है. इन घटनाओं के बाद माओवादी बौखलाहट में कभी भी किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं.