लोहरदगा : जिले में बढ़ती गर्मी से लोग परेशान हैं. प्रचंड गर्मी के कारण हर आम व खास लोगों का जीना मुहाल हो रहा है. आम जनजीवन अस्त-व्यस्त सा हो गया है. जिले का तापमान 42 डिग्री से भी उपर जाने को बेताब है. भरी दोपहर में लोगों का बाजार में निकलना मुश्किल हो गया […]
लोहरदगा : जिले में बढ़ती गर्मी से लोग परेशान हैं. प्रचंड गर्मी के कारण हर आम व खास लोगों का जीना मुहाल हो रहा है. आम जनजीवन अस्त-व्यस्त सा हो गया है. जिले का तापमान 42 डिग्री से भी उपर जाने को बेताब है. भरी दोपहर में लोगों का बाजार में निकलना मुश्किल हो गया है. शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के लोग गर्मी से राहत पाने के उपाय ढूंढने में अपने को लाचार समझ रहे हैं. वैसे में शहरी क्षेत्र में दिन-दिनभर बिजली के गायब रहने से लोगों को और भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
दूसरी ओर इस तपती गर्मी में लोग पेयजल के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं. शहरी जलापूर्ति से पेयजल के नाम पर लोगों को गंदा पानी सप्लाई किया जा रहा है. जो ना तो पीने के काम का है और ना ही नहाने के. कीचड़ युक्त पानी की सप्लाई होने से लोगों में आक्रोश व्याप्त है. प्रचंड गर्मी में जहां बूंद-बूंद पानी के लिए लोगों के बीच मारा-मारी होने की नौबत हो जा रही है, वहीं नगर परिषद द्वारा नदी का गंदा पानी पेयजल के रूप में लोगों को मुहैया कराना अपने आप में सवाल खड़ा करता है.
हालांकि शहरी क्षेत्र में लोगों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए नगर प्रशासन द्वारा नाना प्रकार के हथकंडे अपनाये जा रहे हैं. इसे लेकर स्थानीय विधायक सुखदेव भगत, नगर परिषद अध्यक्ष अनुपमा भगत के निर्देश पर टैंकर और वाटर टैंक से हर वार्ड में समय निर्धारित कर पेयजल वितरण करवाने की व्यवस्था की गयी है. लेकिन इस अस्थाई व्यवस्था से लोगों को जरूरत के हिसाब से पेयजल उपलब्ध कराना नाकाफी है. इधर कोयल नदी में इंटक वेल बनाने का काम शुरू हो गया है और नगर परिषद अध्यक्ष ने निर्देश दिया है कि हर हाल में बरसात से पहले ये निर्माण कार्य पूरा हो जाना चाहिए.
इंटर वेल के निर्माण के बाद व्यवस्था में सुधार की उम्मीद है. गर्मी से आहत लोग स्वास्थ्य संबंधी रोगों से भी ग्रसित हो रहें हैं. प्रचंड गर्मी में लोग लू, डीहाइड्रेशन, दस्त एवं पेट संबंधी बीमारी से परेशान हैं. लोगों को इन बीमारियों से बचाव के लिए चिकित्सकों की सलाह लेनी पड़ रही है. सरकारी तथा निजी क्लिनीकों में मरीजों की भीड़ देखी जा रही है. देह जलाने वाली गर्मी के कारण स्कूली विद्यार्थियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. प्रचंड गर्मी के मद्देनजर जिले के तमाम स्कूलों को मार्निंग कर दिया गया है. लेकिन विद्यार्थियों को भरी दोपहर में स्कूल की छुट्टी होने के बाद घर वापस आने में खासा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बच्चे भरी दोपहर में स्कूल से वापस आने के बाद निढ़ाल हो जा रहे हैं. बच्चों का भरी दोपहर में घर लौटना अभिभावकों के लिए चिंता का विषय बन गया है.