बदहाल है शिक्षा व्यवस्था
गोपी कृष्ण कुंवर
लोहरदगा : जिले में शिक्षा व्यवस्था की बदहाली से विद्यार्थियों का भविष्य भी कहीं न कही प्रभावित हो रहा है. जिला स्थापना के बाद शायद ही कभी ऐसा हुआ हो जब शिक्षा विभाग पूरी तरह अधिकारी विहिन न हुआ हो. विभाग में अधिकारी के नहीं रहने के कारण तमाम तरह की योजनाएं दम तोड़ रही हैं. शिक्षकों को पिछले दो माह से वेतन का भुगतान नहीं हुआ है. हालांकि गुरुवार को देर शाम रांची के डीएसइ जो लोहरदगा के प्रभार में हैं, ने वेतन निकासी देने की बात कही है.
ज्ञात हो शिक्षकों के वेतन विपत्र का भुगतान पारित कराने के लिए रांची ले जाना है और इसके लिए वाहन की जरूरत बतायी जा रही है, लेकिन वाहन उपलब्ध कौन करायेगा. वर्तमान समय में स्कूल चलो अभियान भी चलाया जा रहा है, लेकिन अधिकारियों के नहीं रहने के कारण यह अभियान भी धरातल पर सही तरीके से उतर पायेगी, इसमें
संदेह है.
किसी भी स्कूल में प्रधानाध्यापक नहीं : लोहरदगा जिला में राजकीय कृत उच्च विद्यालयों की संख्या 10 है. प्रोजेक्ट उच्च विद्यालय 9 हैं. उच्च विद्यालय 18, अल्प संख्यक उच्च विद्यालय 2, स्वत: धारक उच्च विद्यालय 1, प्राथमिक विद्यालय 112, उत्क्रमित मध्य विद्यालय 129, मिडिल स्कूल 74, बेशिक स्कूल 9, अल्पसंख्यक प्राइमरी स्कूल 8, अल्प संख्यक मध्य विद्यालय 3, कस्तुरबा गांधी आवासीय विद्यालय 5, मध्य विद्यालय स्थापना 74 हैं. इनमें से किसी भी प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय में प्रधानाध्यापक नहीं हैं. जिले में प्राथमिक विद्यालयों की संख्या 225 है.
इनमें इंटर प्रशिक्षित शिक्षक की ईकाई 507 है, जबकि 380 कार्यरत हैं. 127 पद खाली पड़े हैं. मध्य विद्यालयों की संख्या 74 है इनमें इंटर प्रशिक्षित शिक्षकों के 428 स्वीकृत पद हैं, इनमें 303 कार्यरत हैं. 125 पद रिक्त पड़े हैं. जिले में प्राथमिक विद्यालयों में 264 एवं मध्य विद्यालयों में 292 शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं. कई विद्यालय पारा शिक्षकों के भरोसे चल रहे हैं.